लक्कडख़ाना, माधौगंज में मोहन शाक्यवार (40) पुत्र हरिबाबू शाक्यवार का गला कटा शव कमरे में पड़ा मिला है। मोहन पेशे से कारपेंटर था। उसे शराब की लत थी। इससे तंग आकर पत्नी मालती बेटे को साथ लेकर करीब 7 साल पहले मोहन का साथ छोडकऱ मुरार मायके लौट गई। मकान की ऊपरी मंजिल पर बड़ा भाई विजय परिवार सहित रहता है, जबकि बाजू वाले हिस्से में उसकी बहन गीता और बहनोई ओमप्रकाश शाक्यवार का परिवार रहता है। ओमप्रकाश ने बताया कि वह साइकिल रिपेयर का काम करता है। सुबह 10 बजे काम पर जाने से पहले उसने मोहन को सही सलामत देखा था। दोपहर बाद घर लौटा तो नादान बेटी मामा के पास पास जाने की जिद कर मोहन के कमरे में घुस गई। वहां से घबरा कर लौटी बोली जल्दी चलकर देखो मामा को क्या हो गया है।
बच्ची की बात सुनकर मोहन के कमरे में गए तो मोहन खून से लथपथ पड़ा था। उसका गला कटा हुआ था। उसकी बाजू के नीचे खून से सना चाकू पड़ा था। मंजर देखकर पुलिस को बुला लिया। पुलिस का कहना है कि पुश्तैनी मकान में मोहन को हिस्से में दो कमरे मिले थे। एक ही कमरे में वह गुजारा करता था। उसमें से ऊपरी मंजिल पर जाने के लिए सीढिय़ां है। सीढिय़ों और कमरे के दरवाजे के पास भी खून की बंूदे पड़ी मिली हैं। आशंका है कि हत्या करने वाला दरवाजे और सीढिय़ों तक गया है। मोहन की हत्या सुनकर उसके घर के बाहर लोगों का मजमा लग गया।
पड़ोसियों के मुताबिक मोहन के घर पर अक्सर नशेबाजों की महफिल रहती थी। उसका घर मेन रोड पर है। 29 जनवरी को उसके पड़ोस में शादी है। इसलिए सुबह से मोहन के दरवाजे के ठीक सामने टेंट लग रहा था। यहां लेबर काम कर रही थी। रविवार सुबह से उसके घर में किसी को आते जाते नहीं देखा है। हत्यारा छत के रास्ते से आया हो तो कह नहीं सकते।
हत्या या आत्महत्या
मोहन का शव देखकर पुलिस इस उलझन में रही कि उसकी हत्या की गई है या मामला सुसाइड का है, उसने खुद गला रेता है। घटना कैसे हुई नतीजे तक पहुंचने के लिए फॉरेंसिक विशेषज्ञ को भी बुलाया, लेकिन पड़ताल कर टीम भी स्थिति स्पष्ट नहीं कर सकी।
आशनाई की थ्योरी, छत पर बंद मिली कुंडी
आसपास रहने वालों से पता चला है कि मोहन और उसके बड़े भाई विजय के बीच भी पटरी नहीं बैठती थी। लोगों के मुताबिक करीब 10 दिन पहले विजय ने मोहन को पीटा था। हालांकि यह सुनने में आया था कि मोहन की कोई हरकत विजय को खटक गई थी। इस पर उसने मोहन के कमरे में आकर उसे मारा था। रविवार को मोहन का शव मिलने के बाद पुलिस ने तलाशी ली तो मोहन के कमरे से ऊपरी मंजिल पर जाने वाले रास्ते की साढिय़ां का दरवाजा भी बाहर से बंद था। वहां विजय का परिवार रहता है। मोहन चाहकर भी इस रास्ते से ऊपरी मंजिल पर नहीं जा सकता था। विजय या उसके परिवार का सदस्य ही दरवाजा खोलकर मोहन के कमरे में आ जा सकता था। घर में अकेले मोहन के पास आने जाने के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल कौन करता था इसका भी पता लगाया जा रहा है।
हत्या सुनकर अंडरग्राउंड भाई, भतीजे राउंडअप
पुलिस के मुताबिक विजय को फोन कर बताया था कि मोहन की हत्या हो गई यह सुनकर बोला काम कर रहा है आधे घंटे में आएगा। उसके बाद विजय ने मोबाइल बंद कर लिया। रात 11 बजे तक घर नहीं आया। उधर पुलिस ने विजय के दोनों बेटों को पूछताछ के लिए बैठा लिया है।
गला रेत कर हत्या
कारपेंटर की गला रेतकर हत्या की गई है। वारदात की वजह और आरोपी की पहचान की जा रही है। सुबूतों से जानकारी जुटाई जा रही है। मृतक का भाई घटना बताने के बावजूद सामने नहीं आया है।
देवेन्द्र सिंह कुशवाह लश्कर सीएसपी