होर्डिंग की सुरक्षा को लेकर कुछ गाइडलाइन भी है, जिसके अनुसार ही होर्डिंग लगाया जा सकता है। इसकी हाईट को लेकर भी निर्धारित मापदंड हैं, साथ ही सरकारी संपत्ति पर भी होर्डिंग नहीं लगाया जा सकता है। इसके तहत एफआईआर दर्ज कराने के भी निर्देश हैं, लेकिन निगम द्वारा सिर्फ कोर्ट में सुनवाई से पहले ही कार्रवाई की जाती है। यही कारण है कि जनवरी माह में कोर्ट ने निगम अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी और कार्रवाई की पूरी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था, इसके बाद निगम द्वारा कुछ कार्रवाई की गई, फिर मामला आया गया हो गया।
शहर में होर्डिंग को लेकर इंजीनियर द्वारा ओके रिपोर्ट दी जाती है, उसके बाद ही होर्डिंग को अनुमति देते हैं। जहां तक अवैध होर्डिंग का सवाल है तो उस पर कार्रवाई की जाती है। संपत्ति विरूपण के तहत भी कार्रवाई की जाती है।
केशव सिंह चौहान, होर्डिंग प्रभारी नगर निगम