सही नहीं है निर्णय
यह निर्णय बहुत गलत है, अभी तक जनता महापौर को चुनती थी, जिससे चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष रहता था। लेकिन अब पार्षद चुनेंगे तो खरीद फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा। भ्रष्टाचार अधिक रहेगा और महापौर निष्पक्ष कार्य करने के बजाए दबाव में कार्य करेंगे।
अनीता जगराम कुशवाह, भाजपा पार्षद
पार्षदों का भी मान बढ़ेगा
राज्य शासन के निर्णय से परिषद को मजबूती मिलेगी और पार्षदों का भी मान बढ़ेगा। महापौर का कद अब पहले से अधिक बड़ा होगा और परिषद में लिए गए निर्णय को अधिकारी तवज्जो देंगे। परिषद की गरिमा पहले से काफी बढ़ जाएगी, शहर विकास के कार्यों को बेहतर तरीके से किया जा सकेगा।
कृष्णराव दीक्षित, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम
धन और बल का प्रयोग होगा
महापौर के लिए अभी अच्छे लोग आते थे, इसके बाद ऐसे लोग महापौर बनने के लिए कूद पड़ेंगे जो धनबल और बाहुबल का भी प्रयोग कर सकते हैं। महापौर के चुनाव में अभी तक कोई गड़बड़ी नहीं होती थी, लेकिन अब खरीद फरोख्त शुरू हो जाएगी, जो शहर के विकास के लिए सही नहीं होगा।
धर्मेन्द्र राणा, पार्षद भाजपा
परिषद की महत्ता बढ़ेगी
राज्य शासन के निर्णय से महापौर को अधिक शक्ति मिलेगी और वह पहले से बेहतर तरीके से कार्य कर सकेंगे। पार्षदों की बातों को अधिकारी अभी नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। परिषद की महत्ता भी बढ़ेगी। शहर विकास से जुड़े निर्णय लिए जा सकेंगे।
चतुर्भुज धनौलिया, उप नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम