किस प्रस्ताव पर कितने खर्च का प्रस्ताव भूमि के कटाव रोकना- भूमि उपचार के साथ वनस्पति को पर काम करने का प्रस्ताव है। इस पर ७५५३२ लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है।
-कृषि व गैर कृषि योग्य भूमि को उत्पादन के योग्य बनाने पर ६२९४८ लाख रुपए खर्च हो सकते हैं। -आजीविका के साधन मजबूत करने के प्रयासों पर ७१६९ लाख रुपए का प्रावधान करने की जरूरत है।
-क्षमता वृद्धि के लिए उत्कृष्ट केंद्र स्थािपत करने पर ७९६५ लाख रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है। -वैज्ञानिक कार्ययोजना, निगरानी आदि के लिए जरूरी इंतजाम करने पर भी ७०१० लाख रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है।
४० से ६० हजार प्रति हैक्टेयर आय बढ़ेगी बीहड़ भूमि के उपचार से ४० से ६० हजार रुपए हैक्टेयर वार्षिक आय बढ़ सकती है। औषधीय, सब्जी एवं सुगंधित फूलों की खेती करने पर यही आय एक लाख से १.५ लाख रुपए तक सालाना आय बढ़ सकती है।
फैक्ट फाइल ५०१६८६ हैक्टेयर भौगोलिक क्षेत्रफल है मुरैना जिले का। ४३६०८ हैक्टेयर आरक्षित वन क्षेत्र है जिले में। ७८१६ हैक्टेयर संरक्षित वन क्षेत्र उपलब्ध है जिले में। ४१०२९ हैक्टेयर भूमि कृषि के लिए उपलब्ध नहीं है।
८९२६० हैक्टेयर ऊसर एवं गैर मुमकिन भूमि है जिले में। १८९८० हैक्टेयर चारागाह के लिए उपलब्ध भूमि है। ७०९३ हैक्टेयर नई और पुरानी पड़त भूमि है जिले में। जिले में किसानों की स्थिति
१७३०८६ सीमांत किसानों के पास है एक हैक्टेयर तक कृषि भूमि। ५४५३४ लघु कृषकों के पास एक से दो हैक्टेयर कृषि भूमि है। २६३२९ लघु मध्यम किसान परिवार हैं जिले में। ७३११ मध्यम श्रेणी के किसान हैं मुरैना जिले में।
३८९ कृषक जिले में अन्य श्रेणियों के हैं। २६१६४९ कुल किसान परिवार उपलब्ध हैं मुरैना जिले में। चंबल के बीहड़ भूमि के उपचार का प्रस्ताव कुछ माह पहले प्रस्तुत कर दिया गया है। फिलहाल कोई आगे की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। बीहड़ भूमि प्रबंधन किसानों की आय बढ़ाने मे मददगार साबित होगा।
डॉ. वायपी सिंह, सह संचालक, आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र, मुरैना।