इस पर एमपी ऑनलाइन के अधिकारियों का कहना था कि वह कोलकाता की कंपनी को छात्रों का सही डाटा समय पर देते हैं, फिर भी रिजल्ट लेट होते हैं, टेबुलेशन चार्ट और मार्क शीट में गलती आती है तो इसके लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं।
कुलपति प्रो.शुक्ला के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कोलकाता की कंपनी के प्रतिनिधि ने कहा कि उन्हें प्री-डाटा समय पर नहीं मिलता, साथ ही उसमें ढेरों गल्तियां होती हैं, जिससे मार्क शीट के साथ टेबुलेशन चार्ट में गड़बड़ी होती है, इसका जिम्मेदार कंपनी को ठहराया जाता है, जिससे उसकी साख खराब हो रही है। पेमेंट भी समय पर नहीं मिलता।
दोनों की आपत्तियां सुन कुलपति ने दोनों को एग्जाम कंट्रोलर डॉ.राकेश कुशवाह और डीआर डॉ.राजीव मिश्रा के साथ बैठक कर आपत्तियां निराकरण करने के निर्देश दिए, ताकि आगामी परीक्षाओं के रिजल्ट में इसका कोई असर न दिखे।
दोनों ने एक दूसरे पर लगाए आरोप, समाधान कुछ नहीं
बैठक के दौरान दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए। पहले कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला के यहां करीब दो घंटे बैठक चली, इसके बाद परीक्षा नियंत्रक डॉ.राकेश कुशवाह और डीआर डॉ.राजीव मिश्रा के यहां डेढ़ घंटे बैठक चली, लेकिन डाटा कैसे सही होगा, इस पर दोनों पक्ष क्लीयर नहीं हैं। एमपी ऑनलाइन का आरोप है कि वो डाटा सही देता है, जबकि कोलकाता की कंपनी का कहना है कि छात्रों के नाम, सरनेम यहां तक कि मार्क शीट के अंकों में बड़ा बदलाव आता है। इसी कारण मार्क शीट और चार्ट खराब होने से उसका नुकसान हो रहा है।
हमने दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों को आमने-सामने बैठाकर समस्याओं का हल निकाला है। व्यवस्था में जल्द सुधार की आशा है।
डॉ.राकेश कुशवाह, परीक्षा नियंत्रक,जेयू