हाईस्कूल के परीक्षा परिणाम में गिरावटआने के साथ जिले से किसी भी छात्र – छात्रा ने प्रदेश की मैरिट सूची में स्थान प्राप्त नहीं किया था। अकादमिक सत्र 2018 – 19 की हाईस्कूल परीक्षा में राज्य का औसत परीक्षा परिणाम 62.05 प्रतिशत रहा था। हाईस्कूल के परीक्षा परिणाम में आई गिरावट को लोक शिक्षण संचालनालय ने गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन प्राचार्यों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। प्राचार्यों का जवाब मिलने और जिला शिक्षा अधिकारी के अभिमत के बाद आयुक्त ने प्राचार्यों की वेतनवृद्धि रोकने के आदेश जारी किए हैं।
एक प्राचार्य के जवाब को माना संतोषजनक
हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम कम आने पर लोक शिक्षण संचालनालय ने कुल आठ प्राचार्यों को जुलाई माह में कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। जिनमें अरुणकांत शर्मा शासकीय हाईस्कूल कुलैथ के जवाब को संतोषजनक पाते हुए कोई कार्रवाई न कर प्रकरण को समाप्त किया है। जबकि रविंद्र सिंह सेंगर प्राचार्य शासकीय हाईस्कूल चिरूला की तीन वेतनवृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकने के आदेश जारी किए हैं।
40 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले स्कूल प्रभारियों पर कार्रवाई
लोक शिक्षण आयुक्त ने जिन प्राचार्यों की वेतन वृद्धि रोकने के आदेश जारी किए हैं उनके स्कूलों का परीक्षा परिणाम 40 प्रतिशत से भी कम रहा था।
इन पर हुई कार्रवाई परीक्षा परिणाम का प्रतिशत