श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में चीता प्रोजक्ट के तहत चीतों के लिए बाड़े बनाए है जो 500 हेक्टेयर जगह में तैयारी किया गया है। इन बाड़ों में चीतों को जंगल में छोड़ने से पहले रखा जाएगा। चीतों को मध्य प्रदेश में बसाने की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा चुका है। कूनों में नामीबिया से चीता आने वाले हैं इसी बीच खबर आई है कि चीतों के लिए बनाए गए बाड़े में तेंदुए घुस गए हैं।
इस मामले पर कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ पीके वर्मा ने कहा कि चीतों के लिए 500 हेक्टेयर में बनाए गए बाड़े में 10 अलग-अलग कंपार्टमेंट बनाए गए हैं। इन्ही एक कंपार्टमेंट में तीन तेंदुए प्रवेश कर गए हैं। अब वन विभाग की टीम तेदुए को निकालने के प्रयास कर रही हैं। चीतों के कूनों मं आने से पहले दिल्ली और देहरादून से एक्सपर्ट पहुंचे हैं जो कुछ एडिशनल बता रहे हैं इन कार्यों को भी चीतों के आने से पहले पूरा कर लिया जाएगा।
हालांकि अभी तक केंद्र और राज्य सरकार के किसी अधिकारी ने चीतों को कूनो पालपुर पहुंचने की तारीख नहीं बताई है। डीएफओ वर्मा ने कहा कि सरकार की तरफ से अभी तक कोई ट्रेवल समेत अन्य कोई प्लान नहीं मिला है। दरअसल चीता भारत के जंगलों में 7 दशक पहले ही लुप्त हो चुके हैं। अब दोबार से भारत में चीतों की संख्या बढ़ाने के लिए चीतों को नामीबिया से लाया जा रहा है।
दरअसल भारत में चीतों को अंतरमहाद्वीप से लाकर बसाने के लिए प्रोजेक्ट चीता लाया गया है। कूनो नेशनल पार्क में लगभग 10 चीतों को लाकर पहले बाड़े में रखकर उनके भारत के वातावरण में किस तरह का व्यवहार करते है इसका अध्ययन किया जाएगा। जब चीता मध्य प्रदेश के वातावरण से घुल मिल जाएंगे तो चीतों को खुले जंगलों में छोड़ दिया जाएगा।