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ग्वालियर

भिंड और श्योपुर में निर्दलियों की हुई सबसे ज्यादा जमानत जब्त, लेकिन कम नहीं हुआ चुनाव लडऩे का जज्बा

भिंड और श्योपुर में निर्दलियों की हुई सबसे ज्यादा जमानत जब्त, लेकिन कम नहीं हुआ चुनाव लडऩे का जज्बा

ग्वालियरOct 19, 2018 / 12:46 pm

Gaurav Sen

political news

भिंड और श्योपुर में निर्दलियों की हुई सबसे ज्यादा जमानत जब्त, लेकिन कम नहीं हुआ चुनाव लडऩे का जज्बा

ग्वालियर। हर विधानसभा चुनाव में अंचल में सैकड़ों निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतरते हैं, इनमें से अधिकांश के जीतने की कोई उम्मीद नहीं होती, ज्यादातर निर्दलीयों की जमानत जब्त हो जाती है, फिर भी इनकी संख्या कम नहीं हुई। निर्दलीय जीतते नहीं हैं, लेकिन चुनाव में पाॢटयों के प्रत्याशियों के समीकरण बिगाड़ देते हैं। निर्दलीयों की संख्या पर अंकुश लगे, इस उद्देश्य से चुनाव आयोग ने जमानत राशि बढ़ाई, फिर भी विधायक बनने की चाह रखने वाले निर्दलीयों की संख्या कम नहीं हुई।

1998 से 2013 तक के चार चुनावों में भिंड जिला निर्दलीयों के मामले में पहले नंबर पर रहा है, यहां 231 लोग अभी तक निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं, जबकि श्योपुर में सबसे कम निर्दलीय रहे हैं, यहां पिछले चार विधानसभा चुनावों में 52 लोग निर्दलीय भाग्य आजमा चुके हैं। कुछ तो ऐसे हैं जिनकी रुचि पार्षद से लेकर राष्ट्रपति तक का चुनाव लडऩे की रही है, इनमें ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के आनंद सिंह कुशवाह हैं।

प्रदेश में ग्वालियर-चंबल संभाग ऐसा क्षेत्र रहा है, जहां विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार ज्यादा उतरते रहे हैं। निर्दलीय चुनाव लड़ चुके दो तीन लोगों का कहना था कि हमारी बात को कोई नहीं सुनता, जनता की समस्याओं का निराकरण नहीं होता तो हम चुनाव में इसी उद्देश्य से उतरते हैं कि जीतने के बाद जनता की समस्याएं विधानसभा में उठाएंगे।


पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो हो गए बागी

पिछले डेढ़ दशक में देखा जाए तो कई ऐसे निर्दलीय उम्मीदवार भी रहे जो अपनी पार्टी से टिकट मांगते रहे, जब टिकट नहीं मिला तो बागी होकर अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ मैदान में उतर गए। ऐसा भितरवार विधानसभा क्षेत्र में हो चुका है, जहां 2013 में भाजपा ने अनूप मिश्रा को चुनाव मैदान में उतारा था, उधर टिकट की आस लगाए बैठे पूर्व विधायक बृजेन्द्र तिवारी ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और मैदान में उतर गए थे, जिससे अनूप मिश्रा को कांग्रेस के प्रत्याशी लाखन सिंह से हार मिली थी। सन 1998 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से अशोक शर्मा ने कांग्रेस से पर्चा दाखिल किया, उनको चुनाव चिन्ह मिलने में देरी हुई, जिसकी वजह से उनको भी निर्दलीय होकर चुनाव लडऩा पड़ा था।


राष्ट्रपति तक का चुनाव लड़ चुके हैं आनंद
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले आनंद सिंह कुशवाह रामायणी विधायक से लेकर राष्ट्रपति तक का चुनाव लड़ चुके हैं।


अंचल में अब तक यह रही निर्दलीयों की स्थिति

जिला वर्ष संख्या
भिंड 1998 24
2003 73
2008 63
2013 71
अब तक कुल संख्या 231
श्योपुर 1998 11
2003 10
2008 21
2013 10
अब तक कुल संख्या 52
ग्वालियर 1998 28
2003 36
2008 37
2013 33
अब तक कुल संख्या: 134
मुरैना 1998 16
2003 25
2008 37
2013 24
अब तक कुल संख्या: 102
दतिया 1998 14
2003 17
2008 32
2013 23
अब तक कुल संख्या 86
शिवपुरी 1998 17
2003 30
2008 104
2013 45
अब तक कुल संख्या 196

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