उच्च न्यायालय में स्कूल एवं कॉलेजों के वाहनों को लेकर एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया द्वारा प्रस्तुत अवमानना याचिका पर अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी ने योजना प्रस्तुत करते हुए कहा कि राज्य शासन ने विद्यार्थियों के सुरक्षित परिवहन के लिए शैक्षणिक वाहनों के नियंत्रण एवं विनियमन योजना-2019 के मसौदे पर आपत्तियां आमंत्रित की हैं। कोई आपत्ति आती है तो उसका निराकरण करते हुए योजना को लागू कर दिया जाएगा।
वाहनों में यह व्यवस्था करना जरूरी
-वैन की हार्ड टॉप बॉडी होना अनिवार्य है।
चालकों का मेडिकल जरूरी
ठ्ठ चालकों का हर साल मेडिकल परीक्षण होगा, आंखों की जांच भी करानी होगी। वर्दी अनिवार्य होगी। वाहन परमिट 5 साल के लिए होंगे।
ठ्ठ वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग, धूम्रपान नहीं कर सकेंगे।
ठ्ठ दस साल से कम आयु के बच्चों को अभिभावकों की अनुपस्थिति में वाहन से नहीं उतारा जाएगा। ऐसी स्थिति में उन्हें फोन कर निर्देशित व्यक्ति को सुपुर्द किया जाएगा।
चालकों के लिए शर्तें
ठ्ठ चालकों के पास 5 साल पुराना व्यावसायिक ड्राइविंग लाइसेंस
होना चाहिए।
ठ्ठ ऐसे चालक जिनका दो बार से अधिक रेड सिग्नल पार करने, लेन अनुशासन के उल्लंघन में चालान हुआ हो, उन्हें कार्य पर नहीं रखा जाएगा। साल में एक बार भी अत्यधिक गति से वाहन चलाने, नशे की स्थिति में, आपराधिक व्यक्ति के वाहन चलाने पर चालान होने पर उसे कार्य पर नहीं रखा जाएगा।
ठ्ठ परिचालकों की आयु 21 साल से कम और 60 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।
ठ्ठ जिस वाहन में केवल छात्राओं का परिवहन किया जाता है उसमें महिला परिचालक की नियुक्ति होगी। सभी का पुलिस सत्यापन जरूरी होगा।
वाहन में रजिस्टर में छात्रों की जानकारी होगी
ठ्ठ नए नियम में शैक्षणिक संस्थाओं के उत्तरदायित्व तय किए गए हैं। हर वाहन में एक रजिस्टर होगा जिसमें छात्रों के नाम, अभिभावक का नाम फोन नंबर आदि जानकारी दर्ज करनी होगी।