दोपहर तीन बजे जलविहार स्थित निगम परिषद में शुरू से ही हंगामा देखने को मिला। विपक्ष के पार्षदों ने जैसे ही आयुक्त की सीट पर अपर आयुक्त आरके श्रीवास्तव को देखा उनका पारा चढ़ गया और उन्होंने कहा कि जनता के मुद्दों पर चर्चा होना है, लेकिन आयुक्त परिषद में नहीं आते है। ऐसे में हम सदन नहीं चलने देंगे। जैसे-तैसे अध्यक्ष तोमर ने एजेंडा के स्वच्छता के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कहा। जिस पर पार्षद देवेंद्र राठौर ने कहा कि मैंने उपायुक्त अमरसत्य गुप्ता के खिलाफ अपर आयुक्त के पास अपील की थी। अपर आयुक्त ने इस अपील को वापस अमरसत्य को ही भेज दिया और उन्होंने शिकायत को निराकृत कर दिया। निगम में अधिकारियों की ऐसी मनमानी व दादागिरी चल रही है। इसके बाद गिर्राज कंसाना, मोहित जाट, नागेंद्र राणा, अर्पणा पाटिल सहित अन्य ने अधिकारियों पर मनमानी व दादागीरी करने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए।
पार्षद गिर्राज कंसाना ने कहा मेरे वार्ड में 62 सफाई कर्मचारी हैं। कई कर्मचारी काम करने के बजाय सिर्फ हाजिरी भरकर चले जाते हैं। जब मैंने काम न करने वाले कर्मचारियों को हटाने के लिए कहा तो कोई कार्रवाई नहीं की गई। उलटा जो डब्ल्यूएचओ काम करता था, उसे मुझसे पूछे बिना ही हटा दिया गया। मैंने इस संबंध में जब अपर आयुक्त विजय राज से बात की तो उन्होंने मुझसे अभद्रता से बात करते हुए कहा कि मैं अपने हिसाब से देख लूंगा। आप भले ही मुझे निष्कासित कर दें या पुलिस बुला लें।मैं अपनी बेइज्जती नहीं कराऊंगा। यदि अधिकारी अपनी चलाएंगे, तो मेरा वार्ड मेरे हिसाब से ही चलेगा। मेरे वार्ड में अपर आयुक्त घुसकर दिखा दें। हालांकि विजय राज का कहना है कि उन्होंने इस तरह की कोई बात नहीं की है।
अध्यक्ष मनोज तोमर ने कहा कि पक्ष-विपक्ष के जो भी पार्षद को शिकायत अथवा समस्या है वह अपनी बात लेटरपैड पर लिखकर दें और शिकायत करें। हम उस अधिकारी पर सख्त कार्रवाई करेंगे। जिस पर पार्षदों ने कहा कि अब तो शिकायत करने पर भी निगमायुक्त कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। अब हम मुख्यमंत्री के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।
आसंदी के सामने धरने पर बैठे पार्षदों ने नारेबाजी के साथ अधिकारियों पर गुंडागर्दी उतारू होने बात कही। जिस पर अध्यक्ष ने पार्षदों से कहा कि आप हंगामा करने के बजाय चर्चा करें, ताकि एजेंडा पर बात हो सके, लेकिन पार्षद नहीं माने। बाद में अध्यक्ष ने कहा आप ही अभियाचित बैठक का मुद्दा लेकर आए थे और अब आप ही चर्चा से भाग रहे हैं। इस पर सभी पार्षर्दों ने कहा अध्यक्ष जी, हम जनता से जुड़े मुद्दे लेकर आए हैं और निगम आयुक्त लगातार चर्चा से भाग रहे हैं। हम ऐसे सदन नहीं चलने देंगे।
अधिकारी टोन में बात करते हैं, मैं सस्पेंड कराऊंगा
बैठक में नेता प्रतिपक्ष हरिपाल ने विरोध जताते हुए कहा कि निगम के अधिकारी हमेशा टोन में बात करते हैं। पार्षद क्या अपने घर की समस्याएं बताते हैं, अरे यह पब्लिक का काम है। इसके बाद भी अधिकारी तानाशाही कर रहे हैं। हरिपाल ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि परिषद में भले ही हम विपक्ष में हैं, लेकिन प्रदेश में सरकार हमारी है, यदि अधिकारी नहीं सुधरे, तो मुख्यमंत्री के आगमन पर सभी पार्षदों को लेकर जाऊंगा और सीधे सस्पेंड कराऊंगा। हमारी शालीनता को अधिकारी कायरता नहीं समझें।