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जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से 17 किमी दूर हाईवे किनारे स्थित बिनेगा गांव में बीपीएल परिवारों के घरों के बाहर प्रशासन ने उस घर में रहने वाले भवन मालिक का नाम लिखने के साथ ही दीवार पर यह लिखा है कि मेरा परिवार गरीब है। चूंकि यह बात तो सही है कि उसमें रहने वाला परिवार गरीबी रेखा की सूची में शामिल होकर वो गरीबी में अपने दिन गुजार रहा है, लेकिन ऐसा सार्वजनिक लिखने से उस परिवार के अधिकारों का हनन माना गया है।
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इस गांव में दो दिन रुकने के बाद जैनिथ संस्था के अध्यक्ष अभय जैन व उनके साथियों ने जब वहां देखा तो लगभग हर घर के बाहर यही लिखा नजर आया कि मेरा परिवार गरीब है। इस मामले की शिकायत जैनिथ संस्था अध्यक्ष ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग दिल्ली को फोटो सहित लिखित शिकायत की है। जिसमें कलेक्टर व मप्र सरकार को पार्टी बनाया है। उस शिकायत को संज्ञान में लेते हुए एनएचआरसी ने 14 दिसंबर को संबंधितों को नोटिस जारी किया है, जिसमें 4 सप्ताह में अधिकारियों को जवाब पेश करना है।
राजस्थान सरकार को मिल चुका है नोटिस
ज्ञात रहे कि राजस्थान के ग्राम दौसा में घरों के बाहर ऐसा ही लिखा हुआ था। उस मामले को भी एनएचआरसी ने संज्ञान में लेने के बाद राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया था। जिसकी खबर 28 जून 2017 को द इंडियन एक्सप्रेस सहित देश के अन्य समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई।
“राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का अभी नोटिस तो नहीं आया है, हो सकता है कि अवकाश होने की वजह से एकाध दिन में आ जाए। लेकिन हमें जैसे ही इस संबंध में पता चला तो हमने जनपद सीईओ को निर्देश दिए हैं कि घरों के बाहर जो लिखा है, उसे मिटवा दिया जाए।”
तरुण राठी, कलेक्टर शिवपुरी