नॉलेज से ही दूर हो सकती है नकारात्मकता
– जीवाजी विश्वविद्यालय की प्रबंध अध्ययनशाला में व्याख्यान का आयोजन
नॉलेज से ही दूर हो सकती है नकारात्मकता
ग्वालियर. जब हम परफेक्शन की बात करते हैं और उसेे प्राप्त करने का प्रयास करते हैं तो उसमें सच्ची खुशी और संतोष फील होता है। नॉलेज ऐसा प्रकाश या रोशनी है, जिसके कारण नकारात्मकता को दूर किया जा सकता है, लेकिन वह ज्ञान सच्चे गुरू के बिना नहीं मिल सकता। यह बात रामकृष्ण आश्रम से आए स्वामी सुप्रदीप्तानंद ने कही। वह जीवाजी यूनिवर्सिटी की प्रबंध अध्ययनशाला में विवेकानंद सीरीज के तहत हुए व्याख्यान में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। स्वामी सुप्रदीप्तानंद ने आगे कहा कि गुरु ही हमें सच्ची राह दिखाता है, इसलिए हर इंसान को गुरु जरूर बनाना चाहिए। इस अवसर पर रामकृष्ण मिषन आश्रम से आए संजीव करकरे विशेष तौर पर मौजूद रहे। जेयू के मैनेजमेंट विभाग की ओर से डॉ. स्वर्णा परमार, डॉ. प्रियदर्शिनी नागौरी, डॉ.सोनल सिंह सिकरवार, डॉ.रीना शर्मा, डॉ. प्रेरणा बाबेर, लिली वत्स, अभिलाषा दीक्षित और अभिजीत सिंह चौहान मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन शब्दिता ने किया।