ग्वालियर. बच्चों की स्कूली बस के दौरान सुरक्षा बनी रहे इस बात को
ध्यान में रखते हुए हाई ज्यूडिशियल के निर्देश पर गुरुवार को नगर के मुख्य चौराहों पर मोबाइल कोर्ट लगाया गया। करीब तीन घंटे तक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी गिर्राज गर्ग, प्रवीण गर्ग और मनोज गोयल ने स्कूली बसों, वैन और बाइकों के अलावा कंडम वाहनों की जांच की। महत्वपूर्ण बात यह है कि कई बसों के पास स्कूल ले जाने का भी परमिट नहीं मिला और कोई भी बस चालक ड्रैस में नहीं था। न्यायालय में चालान पेश किया गया। कार्रवाई के दौरान ३० हजार ७०० रुपए का जुर्माना वसूला गया। पत्रिका ने इस संबंध में दिनांक ८ जनवरी को हर रोज धड़ल्ले से दौड़ रहीं है। कंडम और अनफिट स्कूल बस खबर का प्रकाशन किया गया था।
जांच के दौरान किसी भी स्कूली वाहन के चालक डै्रस नहीं पहने नहीं मिला। बैज एवं परिचय पत्र भी नहीं लगे मिले। बच्चों को भी ले जाने का परमिट मिला, जिसे लेकर कार्रवाई की गई। सुबह ६ से ८ बजे तक सिंधिया चौराहे पर बैठकर न्यायाधीशों ने मोबाइल कोर्ट लगाया गया। स्कूली जाने वाली वसों को रोका गया और दस्तावेज चेक किए।
नहीं मिला हेलेमेट लगाए कोई, काटे चालान: स्कूली बस कार्रवाई के दौरान करीब डेढ़ दर्जन बाइकों को पकड़ा और दस्तावेज जांचे कोई भी चालक हेलमेट का उपयोग करते हुए नहीं मिला जुर्माना वसूला और हिदायत दी कि हेलमेट का उपयोग किया जाए। कई बस चालक यह कहते हुए देखे गए कि घर पर परमिट की कॉपी रखी है और कुछ ने मोबाइल पर गाड़ी के दस्तावेज दिखाए जिसे नहीं माना गया और कार्रवाई की गई।
इन स्कूलों की बसें है शामिल:आईआईपीएस, ग्लोबल, सेंट पीटर्स, कैम्ब्रिज, ईरा वल्र्ड आदि अनेक स्कूल की स्कूल बसों को रोका गया थाना प्रभारी अमरसिंह सिकरवार पुलिस बल के साथ तैनात थे और स्कूली वाहनों को रोका गया। जांच के दौरान मजिस्ट्रेटों ने फिटनेस दस्तावेज, ड्राईविंग लायसेंस, परमिट प्रमाण पत्र, ध्वनी प्रदूषण एवं गाड़ी के कागजात चेक किए।
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