जब तक उसकी परीक्षा नहीं हो गई तब तब दुल्हा और बारतियों ने विदा का इंतजार किया। परीक्षा देने के बाद देवकी मंडप में पहुंची और उसकी विदाई रस्म की गई। पत्रिका से बातचीत में देवकी ने बताया कि समाज को एक सकरात्मक संदेश देने के साथ साल बेकार न जाए इस बात को लेकर ससुराल एवं मायके वालों से चर्चा की। सभी ने परीक्षा देने की बात को प्राथमिकता दी। सुबह 6 बजे भांवरे शुरू हुई और सुबह 8 बजे तक भांवारों की रस्म पूरा करने के बाद देवकी परीक्षा केन्द्र पहुंची उसके साथ उसकी बड़ी बहन और छोटी बहन संग गई थी। देवकी बाथम पुत्री अजमेर बाथम निवासी ग्राम भगेह का विवाह परीक्षा के एक दिन पहले 8 मार्च को डबरा निवासी जीतेन्द्र बाथम पुत्र ओमप्रकाश के साथ हुआ