शहर साफ हो स्वच्छ हो और स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में टॉप पर आए इसके लिए निगम द्वारा जो प्रयास किए जा रहे हैं वह नाकाफी हैं। देश में 4 जनवरी से स्वच्छता रैंकिंग के लिए सर्वे शुरू हो जाएगा। शहर के सभी 66 वार्डों में कचरे का परिवहन ईको ग्रीन कंपनी द्वारा किया जा रहा है लेकिन अभी तक सभी वार्डों में कचरा सही ढंग से नहीं उठ रहा है। अभी भी कई जगहों पर गाडिय़ां समय पर नहीं पहुंच रही हैं।
नहीं हो पाया सेग्रीगेशन
सर्वे के दौरान जो सबसे महत्वपूर्ण है वह है लोगों का फीडबैक, इसके 1500 अंक हैं। अगर लोगों से जो सवाल किए गए और उसकी सही जानकारी उन्होंने नहीं दी तो इसका असर अंकों पर पडेगा। दरअसल निगम ने और न ही ईको ग्रीन कंपनी ने सेग्रीगेशन को लेकर कोई ठोस कार्य अभी तक नहीं किया। जिसके कारण लोगों को सेग्रीगेशन के बारे में पता ही नहीं है। यही कारण है कि शहर में कचरा संग्रहण के लिए जो गाडिय़ां आती हैं उसमें शहरवासी सूखा और गीला कचरा अलग अलग डालने के बजाए एक साथ ही डाल रहे हैं।
हां के लगा दिए शहर में होर्डिंग
शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के तहत अब निगम द्वारा 4500 अंक से ही मार्किंग होना है। ऐसे में जनता से फीडबैक के 1500 अंक बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसके लिए निगम ने जो सवाल सर्वे टीम पूछेगी उसके जगह जगह होर्डिंग लगा दिए हैं। जिसमें एक तरह से लोगों को यह याद कराने की कोशिश की जा रही है जिससे वह व्यवस्था भले ही ठीक हो या नहीं सभी में हां बोलें। इसमें सेग्रीगेशन को लेकर पूछे जाने वाला सवाल भी शामिल हैं।
मैरिज गार्डन सील
विनयनगर सैक्टर-3 के रिहायशी क्षेत्र में संचालित शांति मैरिज गार्डन को राजस्व विभाग की टीम ने शुक्रवार को सील कर दिया। मैरिज गार्डन पर डायवर्सन के सात लाख रुपए बकाया था। इसमें से संचालक ने तीन लाख रुपए जमा करवा दिए थे। इसके अलावा रिहायशी क्षेत्र में संचालित होने के कारण क्षेत्रीय रहवासियों ने इसको लेकर अपील भी दायर की थी। संचालक को बकाया डायवर्सन जमा कराने के लिए प्रशासन ने नोटिस जारी किया था,इसके बाद भी जब बकाए के चार लाख रुपए जमा नहीं कराए तो एसडीएम के निर्देश पर आरआई संजय अगरैया ने राजस्व अमले के साथ पहुंचकर गार्डन को सील करने की कार्रवाई की है।
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए हम तैयारी कर रहे हैं। सेग्रीगेशन को लेकर भी प्रयास कर रहे हैं। जहां तक रेसकोर्स रोड से झुग्गी हटाने की बात है तो हमने उन्हें शहर से बाहर साडा क्षेत्र में बसने के लिए कह दिया है। इनके रहने से कई तरह से इसका असर स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग पर पड़ता है।
संदीप माकिन, निगमायुक्त