भगवान शिव से बड़ा कोई रामस्नेही नहीं
– लक्ष्मीगंज स्थित रामद्वारा में संत रामप्रसाद के सत्संग का दूसरा दिन
भगवान शिव से बड़ा कोई रामस्नेही नहीं
ग्वालियर. भगवान शिव से बड़ा कोई रामस्नेही नहीं है क्योंकि वे निरंतर राम नाम का स्मरण करते रहते हैं। वे स्वयं फक्कड़ रहकर प्राणी मात्र का कल्याण करते है इसलिए शिव कल्याण स्वरूप व उनकी कथा महाशिवपुराण कल्याण कारी कहलाता है। उक्त विचार अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय के संत रामप्रसाद महाराज ने रामद्वारा लक्ष्मीगंज में शुक्रवार से शुरू हो रहे सात दिवसीय महाशिवपुराण से पहले आयोजित दो दिवसीय सत्संग में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को हाथों से सत्कर्म करना चाहिए एवं चरणों से तीर्थ यात्रा करते रहना चाहिए। तब ही हाथ एवं पैर प्राप्त करना सार्थक होगा। जुबां से हरि नाम कीर्तन एवं हमारी आंखों में गुस्सा नहीं करुणा होनी चाहिए तभी आंख प्राप्त करना सार्थक होगा। हमारे हृदय में ईष्र्या और राग नहीं होना चाहिए बल्कि ह्रदय में सबके लिए प्रेम होना चाहिए तब ही जीवन सार्थक है।
शिव महापुराण गुरुवार 14 फरवरी से, शोभायात्रा निकलेगी
महाशिवरात्रि के मौके पर सदगुरु परिवार सेवा समिति की ओर से लक्ष्मीगंज स्थित रामद्वारा में श्रीमद्शिवमहापुराण कथा ज्ञान महायज्ञ का आयोजन 14 फरवरी शुक्रवार से 20 फरवरी तक किया जा रहा है। शिव महापुराण कथा ज्ञान महायज्ञ के मुख्य वक्ता संत रामप्रसाद महाराज होंगे। शिव महापुराण कथा से पहले शुक्रवार को शोभायात्रा निकाली जाएगी जो छत्री मंडी स्थित हनुमान मंदिर रोकडिय़ा सरकार से सुबह 8.30 बजे प्रारंभ होकर लक्ष्मीगंज स्थित रामद्वारा पहुंचेगी। कथा का मुख्य आकर्षण 21 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन शिव के 1008 नामों से भगवान शिव का सामूहिक महाअभिषेक होगा। कथा का समय दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक रखा गया है।
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