जानकारों के मुताबिक प्रदेश में करीब 10 हजार चेरिटेबल संस्थाएं हैं, जो धार्मिक व गैर धार्मिक संस्था के रूप में कार्य कर रही हैं। इनका आयकर में पंजीयन है लेकिन अभी भी सैकड़ों संस्थाएं व धार्मिक संस्थाएं बिना पंजीयन के संचालित हो रही हैं। इन संस्थाओं को ही पंजीयन कराना होगा। करोड़ों का टर्नओवर होने के बाद भी बहुत से धार्मिक व चेरिटेबल ट्रस्ट सरकार से अपनी आय छिपाकर रखते हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अपने नियमों के बदलाव करते हुए धार्मिक व धर्मार्थ संस्थाओं को भी आयकर में पंजीयन कराना अनिवार्य किया है।
आयकर विभाग के इ-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगइन कर ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है। यदि नए ट्रस्ट-एनजीओ-सोसायटी जो कि पहली बार रजिस्टर होना चाहते हैं उन्हें विभाग प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी करेगा जो कि जारी होने से तीन वर्षों तक वैध रहेगा। दानदाताओं को सर्टिफिकेट ऑफ डोनेेशन भी संस्था से मिलेगा।
धार्मिक संस्थानों और एनजीओ को बड़ी राहत मिली है। अब उन्हें आयकर में पंजीयन कराने के लिए 31 अगस्त तक की छूट है। पहले ये तारीख 31 अगस्त थी, पर आयकर विभाग का नया पोर्टल ठीक से काम नहीं करने के कारण अब इसे 31 मार्च 2022 कर दिया गया है। इससे ऐसी संस्थाओं की परेशानी कम हो जाएगी।
– नितिन पहारिया, सीए