अफसरों ने शहर के हिस्से का 1269 एमसीएफटी से अधिक पानी बहा दिया, जबकि पिछले वर्ष एक हजार एमसीएफटी से अधिक पानी करीब ९ करोड़ रुपए खर्च कर ककेटो और पेहसारी बांध से पंप कर लाया गया था। जो पानी बहाया गया है उससे वर्तमान सप्लाई के हिसाब से 3 माह से अधिक शहर को पानी की पूर्ति की जा सकती थी।
पत्रिका के सवालों पर साधी चुप्पी
? क्यों सांक वियर से पानी डायवर्ट नहीं किया गया।
? क्यों 9 करोड़ का 1269 एमसीएफटी पानी बहा दिया।
? इसका जिम्मेदार कौन है? क्या राजनीतिक दबाव है, या फिर से अगले साल जल संकट के नाम पर करोड़ों रुपए की लागत से पानी को पंप करने की योजना है।
नोट: जब यह सवाल जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री राजेश चतुर्वेदी से किए तो वे चुप्पी साध गए।
भूपेंद्र सिंह कुशवाह, पूर्व सरपंच वीरपुर