ंशिक्षा विभाग ने अब तक सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों या उनके अभिभावकों के मोबाइल नंबर दर्ज नहीं किए हैं। यही कारण है कि जिले में छात्रों तक कोई मैसेज पहुंचाना होता है तो जिला शिक्षा अधिकारी अथवा जिला शिक्षा केंद्र से सबसे पहले बीआरसीसी फिर बीएसी, सीएसी के बाद हेडमास्टर और प्राचार्य तक सूचना दी जाती है। इसके बाद प्राचार्य द्वारा अभिभावकों तक सूचना दिए जाने को कहा जाता है। शहर के कुछ स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश स्कूलों में अभिभावकों के मोबाइल नंबर दर्ज नहीं किए जाते हैं। यही कारण है कि २७ जनवरी की रात कलक्टर द्वारा घोषित किए गए अवकाश की सूचना स्कूलों तक नहीं पहुंच सकी। इस वजह से सर्द हवाओं की थपेड़े खाते हुए सुबह छात्र स्कूल पहुंचे तो उन्हें वापस लौटना पड़ा।
शिक्षा विभाग द्वारा अवकाश की सूचना देरी से पहुंचाने से कई स्कूल खुले। सुरेश नगर में निजी स्कूल खोला गया, वहीं बहोड़ापुर क्षेत्र में भी एक मिडिल स्कूल में पढ़ाई हुई। क्षेत्रीय लोगों ने अवकाश होने की सूचना दी तब स्कूल बंद किया गया।
सर्द हवाओं के बीच शहर से दूर स्थित स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों को ३० से ४५ मिनट तक का सफर करना होता है। ऐसे में छात्र सर्दी, जुकाम से पीडि़त हो रहे हैं। वहीं कई सरकारी स्कूलों के कमरों में खिडक़ी तक नहीं हैं, जमीन पर बैठकर पढऩे पर छात्र ठंड से ठिठुरते हैं।
शिक्षा विभाग के अधिकारी नहीं चाहते स्कूलों की छुट्टी हो, इसलिए कलक्टर द्वारा अवकाश घोषित किए जाने पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने उनसे कहा कि इससे पढ़ाई प्रभावित होगी,स्कूलों में टीकाकरण कराए जाने का भी हवाला दिया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम की भी जानकारी दी।
स्कूल 9.30 बजे से लगाए जा रहे हैं, तब तक धूप आ जाती है। स्कूलों में टीकाकरण किया जाना है, पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं आज पीएम की परीक्षा पर चर्चा है, इसे भी छात्रों को सुनाना है।
ममता चतुर्वेदी, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी