scriptबिन सबूत के 75 साल के वृद्ध पर को लगवा रहे कोर्ट के चक्कर, 2 दशक पुराना है केस | old man accused of crime in train | Patrika News
ग्वालियर

बिन सबूत के 75 साल के वृद्ध पर को लगवा रहे कोर्ट के चक्कर, 2 दशक पुराना है केस

७५ साल उम्र हो चुकी है इस्लाम की, हर तारीख पर कोर्ट में होती है हाजिरी, अदालत रिकॉर्ड पेश करने का कई बार दे चुकी निर्देश
 
 

ग्वालियरMay 06, 2018 / 10:16 am

Gaurav Sen

islaam khan

ग्वालियर। जहरखुरानी के मामले में घटना के 28 साल बाद इस्लाम कुरैशी के घर पुलिस पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर ले आई। इसके बाद 75 साल के इस्लाम कुरैशी को अदालत ने जेल भेज दिया। 21 दिन बाद उन्हें 21नवरी 16 को जमानत भी मिल गई। वे हर पेशी पर अदालत में हाजिर हो रहे हैं। तब से अदालत के बार-बार के निर्देशों के बाद भी रेलवे पुलिस प्रकरण से संबंधित दस्तावेज न्यायालय में प्रस्तुत नहीं कर सकी है। अदालत ने फिर जीआरपी को दस्तावेज पेश करने का एक और मौका दिया है।

बड़ी खबर: शिवपुरी मे हुआ भयानक हादसा, फसल बेचने आ रहे एक किसान की मौत

पुलिस की लापरवाही के कारण इस्लाम कुरैशी अदालत के चक्कर काट रहे हैं। जीआरपी ने इस्लाम कुरैशी के खिलाफ जहरखुरानी का १९८८ में दर्ज किया था। घटना ग्वालियर रेलवे स्टेशन की थी। भोपाल जाने वाली एक ट्रेन में आरोपी कासिम खां और अन्य लोग बैठे थे। उसी डिब्बे में कुछ लोग बेहोश हो गए तो इसकी सूचना जीआरपी को दी गई। पुलिस ने उस डिब्बे में बैठे लोगों को पूछताछ के लिए बैठा लिया और घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया था। सभी के नाम-पते लिखकर इस्लाम कुरैशी को छोड़ दिया गया। बाद में मेडिकल रिपोर्ट आने पर पुलिस ने जहरखुरानी का मामला दर्ज किया। इसमें इस्लाम कुरैशी को भी आरोपी बनाया गया था। इस मामले में इस्लाम कुरैशी ने झांसी का पता लिखवाया था। बाद में इस्लाम कुरैशी ग्वालियर में ही रहने लगे थे। इस्लाम कुरैशी को जारी होने वाले वारंट तामील नहीं होने पर अदालत ने उनके खिलाफ स्थायी वारंट जारी किया।

स्मार्ट सिटी: कंपनियों ने दिया प्रजेंटेशन,ऑटोमेटिक पार्किंग के लिए 24 स्थान तय, एक साथ खड़े हो सकेंगे 2100 वाहन

 

पुलिस ने 28 साल बाद इस्लाम कुरैशी को ३१ दिसंबर १५ को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद इस्लाम को १ जनवरी १६ को कोर्ट में पेश किया गया। यहां से इस्लाम को जमानत तो मिल गई लेकिन इस मामले के दस्तावेज अब तक पुलिस नहीं पेश कर पाई है।


अब तक पेश नहीं हो सका चालान
इस मामले में रेलवे पुलिस अभी तक चालान पेश नहीं कर पाई है। वहीं आरोपी इस्लाम का कहना है कि थाना प्रभारी ने दीवान को उन्हें छोडऩे के लिए बोला था, जबकि दीवान ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। इस्लाम खान का कहना है कि वे तो भोपाल जा रहे थे। यात्रियों को लूटने वाले तो रफूचक्कर हो गए थे, जब कोई नहीं मिला तो पुलिस ने उनका नाम जबरन रिपोर्ट में लिख दिया।

 


अगर मैं दोषी हूं तो सजा मिले

मेरे ऊपर मुकदमे का बोझ है। अगर मैं दोषी हूं तो अदालत मुझे सजा दे दे। मेरा लगातार रिकार्ड तलब किया गया, लेकिन इस मामले के अलावा कोई प्रकरण मेरे खिलाफ नहीं मिला है।

इस्लाम खान

 


पुलिस पेश करे रिकॉर्ड
प्रकरण की लंबित अवधि और आरोपी की उम्र देखते हुए मामले में पुलिस को जल्द रिकार्ड पेश करना चाहिए जबकि आरोपी की ओर से हाजिरी में कोई चूक नहीं हुई है।
एचके अफगानी, एडवोकेट

 

तलाश रहे रिकॉर्ड
मामला काफी पुराना है और रिकार्ड को ढूंढा जा रहा है।
पीएस परिहार, थाना प्रभारी जीआरपी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो