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ग्वालियर

नाती का मुंडन कराने गया था परिवार, एक गलती ने ली सात की जान

नाती का मुंडन कराने गया था परिवार, एक गलती ने ली सात की जान

ग्वालियरMay 12, 2019 / 10:53 am

Gaurav Sen

omni van hits a standing truck 7 people died on spot

नाती का मुंडन कराने गया था परिवार, एक गलती ने ली सात की जान

ग्वालियर. मेहंदीपुर बालाजी पर बच्चे का मुंडन कराकर लौट रहे परिवार को मेहरा टोल प्लाजा के पास दो ट्रकों ने कुचल दिया। वैन में महिलाओं, बच्चों सहित नौ लोग बैठे थे। वैन दोनों ट्रक के बीच चल रही थी। टोल प्लाजा के पास उसके आगे जा रहे ट्रक एमपी 07 एचबी 5184 के चालक ने अचानक ब्रेक लगा दिए, तो उसके चालक ने भी गाड़ी रोकने की कोशिश की। लेकिन उसके पीछे तेज स्पीड में आलू लेकर आ रहा ट्रक यूपी 94 डी 6167 का चालक कंट्रोल नहीं कर सका। उसने सीधी जोर की टक्कर वैन में दी तो लोगों से ठसाठस भरी वैन सामने खड़े ट्रक में घुसकर पिचक गई। उसमें बैठे लोगों को कुछ समझने का मौका भी नहीं मिला। चार महिलाओं सहित 6 लोगों की वहीं फंसकर मौत हो गई। जबकि एक जख्मी ने अस्पताल पहुंचकर दम तोड़ दिया। बाकी लोग गंभीर जख्मी हो गए। सभी लोग उसमें फंसकर रह गए। परिवार को कुचलकर दोनों ट्रक चालक वाहनों को छोडकऱ भाग गए। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने कार में फंसे शव और जख्मी लोगों को बाहर निकाला।

मातावाली गली, डबरा निवासी महेश जाटव (47) ने मन्नत मांगी थी कि बेटे गोलू (7) का मुंडन मेहंदीपुर बालाजी पर कराएंगे। महेश इंदौर में रंग पुट्टी का काम करता है। इन दिनों चुनावी माहौल में धंधा मंदा चल रहा था इसलिए महेश घर आया हुआ था। प्लान बनाया कि इन दिनों खाली वक्त है तो बाालजी पर बेटे का मुंडन करा लेते हैं। इसलिए मंगलवार को महेश नई मारुती वैन से पत्नी राजकुमारी (43), बेटी अंजली (14), बेटे गोलू (7) के अलावा ससुर मंगलिया जाटव (65) निवासी लक्ष्मणपुरा डबरा, सास नारायणी (60) ***** कमलेश (30) और सलहज सपना (25) को भी मेंहदीपुर ले गया था। शुक्रवार को सभी लोग डबरा के लिए लौट रहे थे। कार महेश ड्राइव कर रहा था। परिवार बड़ागांव हाइवे तक सही सलामत आ गया। रात करीब 1:15 बजे मेहरा टोल प्लाजा के पास उनकी कार दो ट्रकों के बीच में आकर कुचल गई। इसमें सात लोगों की मौत हो गई। तमाम कोशिश के बाद पुलिस और राहगीरों ने कमलेश और गणेश को जख्मी हालत में कार से बाहर निकाल कर अस्पताल भेजा। उस वक्त मंगलिया जाटव की भी सांस चल रही थी उन्हें भी अस्पताल भेजा गया, लेकिन इलाज मिलने से पहले उनकी मौत हो गई।

हादसे के बाद गैस रिसाव: वैन गैस किट से चल रही थी, ट्रक की टक्कर से उसका गैस सिलेंडर भी टूट गया। उसमें से गैस रिसने से शव और जख्मी लोगों को निकालने में जुटे लोग घबरा गए। वैन में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए उसे गैस कटर से काटने का जोखिम नहीं उठाया। खुटका था कि कटर का इस्तेमाल करने पर सिलेंडर से रिस रही गैस एक और हादसे का कारण बन सकती है।

झपकी लगने से हादसा
पुलिस के मुताबिक आशंका है कि वैन के पीछे तेज स्पीड में आ रहे ट्रक चालक की उस वक्त झपकी लग गई थी। इसलिए सामने चल रही वैन को नहीं देख सका। महेश के ब्रेक लगाने पर पीछे आ रहा ट्रक उसे कुचलता और घसीटता हुआ आगे खड़े ट्रक तक ले गया। दोनों ट्रक की चपेट में आने से वैन पिचक कर सिर्फ चार फीट की रह गई। उसमें बैठे सभी लोग उसके अंदर बैठी हालत में ही कुचलकर फंस गए।

उचट कर स्टेयरिंग में फंसी ट्राइ साइकल
वैन में सवार कमलेश और सपना विकलांग थे, उनके घूमने फिरने के लिए परिवार ट्राइसाइकल भी साथ लेकर गया था। वैन के परखच्चे उडऩे पर दंपती की ट्राइ साइकल वैन के अंदर से उचट कर स्टेयरिंग में फंस गई थी। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि करीब 15 मिनट तक हादसा किसी की नजर में नहीं आया था। जिस जगह एक्सीडेंट हुआ वह मेहरा टोल प्लाजा से करीब 400 मीटर की दूरी पर है। वैन दोनों ट्रक के बीच में फंसी थी इसलिए सडक़ से निकलने वाले वाहन उसके बाजू से तेज स्पीड में गुजरते चले गए। कुछ राहगीरों की नजर पड़ी तो घटना पता चली तब टोल प्लाजा से लोग वैन में फंसे लोगों की मदद के लिए पहुंचे ।

 

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ससुर की बात मान जाता तो बच जाती 7 लोगों की जिंदगी

मेहरा टोल प्लाजा पर दो ट्रकों के बीच फंसकर वैन में सवार 7 लोगों की मौत से ससुर-दामाद के परिवार पर कहर टूट पड़ा। अगर दामाद ने ससुर की बात मान ली होती तो शायद सातों जिंदगियां बच जातीं। पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे परिजनों ने बताया ससुर ने दामाद से कहा था कि दो दिन बाद मेंहदीपुर बालाजी चलने का प्लान बनाए। लेकिन दामाद का कहना था बेटे के मुंडन में देरी पर देरी हो रही है। इसलिए अब प्लान बन चुका है तो चलते हैं। घरवालों का कहना है अगर ससुर की बात मान लेता तो शायद हादसा टल सकता था।

 

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बरोठा (डबरा) निवासी महेश जाटव को बेटे गोलू (7) का मेंहदीपुर बालाजी में मुंडन कराना था। उसने मंगलवार को यहां से रवाना होने का प्लान बनाया। उसने ससुर मंगलिया जाटव को बताया तो उन्होंने कहा अभी दो दिन और ठहर जाओ। लेकिन महेश ने कहा गोलू 7 साल का हो चुका है। देरी पर देरी हो रही है। अगर प्लान टाल दिया तो फिर पता नहीं फिर कब जाना हो पाए, इसलिए उसने ससुर की बात टाल दी और मंगलवार को ही रवाना हो गए। अब इस हादसे के बाद घरवालों को मांगीलाल की कही हुई बात याद आ रही है। पीएम हाउस पर घरवाले यही चर्चा कर रहे थे कि अगर दो दिन बाद चले जाते तो यह हादसा नहीं होता।

उजड़ गया महेश का परिवार
इस हादसे में महेश उसकी पत्नी राजकुमारी, बेटी अंजलि और बेटे गोलू की मौत हो गई। महेश मेहनत-मजदूरी करके पत्नी और 5 बच्चों को पालन-पोषण कर रहा था। अब परिवार में बेटी शिवानी (12) बेटे नानू (4), गोलू (3) बचे है। जिसमें गोलू भी घायल है, उसकी हालत गंभीर बताई जाती है। नानू और शिवानी को वह घर छोडकऱ गए थे।

 

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हंगामे के डर से परिजन को घेरे रही पुलिस

एक साथ सात लोगों की मौत के बाद पुलिस प्रशासन में भी भय था। उन्हें डर था कि मृतक के परिजन चक्काजाम कर सकते हैं। कोई हंगामा न हो इसलिए सुबह से ही पोस्टमार्टम हाउस पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। यहीं नहीं शव के साथ पुलिस भी रवाना हुई। जब तक अंतिम संस्कार नहीं हो गया।

फोन करके बोला रात को घर लौट आएगा
शुक्रवार दोपहर को महेश का मेरे मोबाइल पर फोन आया। मुझसे कहा कि मेंहदीपुर बालाजी से रवाना हो चुके है। रात तक घर लौट आएगा। उसने यह भी बताया कि कार्यक्रम अच्छी तरह से हो गया है। घर आकर सारी बात बताएगा। वह महेश का घर लौटने का इंतजार कर रहा था कि रात 2.30 बजे फोन आया कि महेश का एक्सीडेंट हो गया है। यहां आया तो पूरी घटना पता चली। जैसा कि मृतक महेश के भाई मनीष ने पत्रिका को बताया

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