ग्वालियर। सडक़ बनाने के लिए मुंबई की एक कंपनी के डायरेक्टर ने गिट्टी खरीदने के लिए क्रेशर संचालक से सौदा किया। सब कुछ तय होने पर संचालक उस कंपनी को गिट्टी सप्लाई करता रहा। धीरे-धीरे करीब डेढ करोड़ की उधारी हो गई। कई बार संचालक ने पैसे मागे तो टालता रहा। बाद में कुछ पैसे तो लौटा दिए। लेकिन अब तक करीब एक करोड रुपए नहीं दिए। इंतजार करते-करते साल बीत गए। जब रकम नहीं मिली तो क्रेशर संचालक ने कंपनी के डायरेक्टर सहित चार लोगों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। पुलिस के मुताबिक ब्रजेश पुत्र रामस्वरूप शर्मा के साथ धोखाधड़ी हुई है। ब्रजेश का क्रेशर चलता है। वर्ष २०१४ में वलेंचा कंपनी के कपिल वलेचा और उनके कुछ लोग ब्रजेश से आकर मिले। उनसे कहा कि हमें यूपी की सडक़ का ठेका मिला है। हमे अच्छी क्वालिटी की सडक़ बनानी है। इसलिए अच्छा माल भी चाहिए। ब्रजेश ने उन्हें रेट भी बताए। सब कुछ तय होने के बाद एग्रीमेंट हो गया। इसके बाद कंपनी द्वारा उनके क्रेशर से गिट्टी मंगाई जाने लगी। कई महीने तक ब्रजेश ने उन्हें गिट्टी सप्लाई की। इस तरह करीब डेढ करोड रूपए की उधारी हो गई। ब्रजेश जब भी उनसे पैसों की कहता तो वह टाल जाते। बाद में उन्होंने गिट्टी लेना भी बंद कर दी। पैसों की जिद की तो कुछ पैसा उन्होंने लौटा दिया। लेकिन अभी तक एक करोड रुपया नहीं दिया। ब्रजेश ने कई बार उनसे पैसे मांगे फिर भी नहीं दिए। तब ब्रजेश विश्वविद्यालय थाने पहुंचा। पुलिस को पूरा मामला बताया। पुलिस ने ब्रजेश की शिकायत पर जगदीश, करन, दिनेश और कपिल वलेचा के खिलाफ चार सौ बीसी का मामला दर्ज किया है। इनका कहना है
मुंबई की कंपनी ने क्रेशर संचालक से गिट्टी खरीदी थी। लेकिन संचालक का करीब एक करोड रुपया नहीं दिया। संचालक ने रशीद अन्य कागजात दिए। इस पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। आरोपी की तलाश की जा रही है। अमर सिंह, एसआई विश्वविद्यालय थाना