शहर में आकलित खपत लगाकर उपभोक्ताओं को मनमाना बिल थमाया जा रहा है। उपभोक्ता जोन ऑफिस में पहुंचकर शिकायत दर्ज कराते हैं, इन्हें बिल में सुधार के लिए बिजली अफसरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसके बाद बिजली अफसर उपभोक्ताओं के घर लोड चेक करने की बात कहकर डराते हैं। कई उपभोक्ताओं के घर लोड चेक कर बिजली कंपनी के गणित में फंसा देते हैं। इसके बाद फिर उपभोक्ताओं के बिल संशोधित करने के नाम पर अवैध वसूली की जाती है। यही कारण है कि अधिकारी मीटर बदलवाने में लेटलतीफी करते हैं। मीटर बदलने का काम तेज गति से किया जाता तो एक महीने में सारे मीटर बदल जाते।
शहर में 27 हजार मीटर बदलने थे, जिनमें अब तक 10 हजार बदले जा चुके हैं। 17 हजार बदलना शेष रहा गया है। ये मीटर जुलाई तक बदल दिए जाएंगे।
नितिन मांगलिक, महाप्रबंधक, शहरी वृत्त, मक्षेविविकंलि