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ग्वालियर

करोड़ों की लागत से अमृत योजना ने बनाया पार्क , मेंटनेंस नहीं होने से उजड़ रहा

सुबह और शाम को इस पार्क में घूमने आने वालों की अच्छी संख्या होती है। इसके चलते यहां पर आवारा जानवर अब इन लोगों के लिए परेशानी बनकर सामने आने लगे है। नगर निगम ने इस पार्क को लगभग तीन करोड़ की लागत से अमृत योजना के तहत बनवाया था।

ग्वालियरOct 21, 2019 / 07:21 pm

Neeraj Chaturvedi

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करोड़ों की लागत से अमृत योजना ने बनाया पार्क , मेंटनेंस नहीं होने से उजड़ रहा

करोड़ों की लागत से अमृत योजना ने बनाया पार्क , मेंटनेंस नहीं होने से उजड़ रहा
– तीन करोड़ की लागत से बना पार्क की जालियों के साथ गेट टूटा
– मेंटनेंस के नाम पर कोई भी नहीं आ रहा आगे
ग्वालियर. शहर में सबसे बड़ा पार्क नगर निगम द्वारा एक वर्ष पहले ही दीनदयाल नगर में बनाया गया। अमृत योजना के तहत बनाए गए इस पार्क को खूबसूरत बनाने के लिए चारों से तरफ से बाउड्रीवाल के साथ कई प्रकार के पौधों को भी लगाए गए। इन एक साल में पौधे तो बड़े होने लगे, लेकिन इसका रख- रखाव के लिए नगर निगम बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है। इसके चलते हालात यह है कि पार्क की कई जगह से बाउड्री की जालियां और गेट टूट चुके है। पार्क की टूटी जालियों से आवारा जानवर भी इन दिनों पार्क में आ जाते है। सुबह और शाम को इस पार्क में घूमने आने वालों की अच्छी संख्या होती है। इसके चलते यहां पर आवारा जानवर अब इन लोगों के लिए परेशानी बनकर सामने आने लगे है। नगर निगम ने इस पार्क को लगभग तीन करोड़ की लागत से अमृत योजना के तहत बनवाया था। इस पार्क का मेंटनेंस छह महीने के बाद नगर निगम को करना था। लेकिन पिछले तीन चार महीने से यहां पर मेंटनेंस के नाम पर नगर निगम के कर्मचारी केवल झाड़ू लगाकर चले आते है। इसके चलते अब पार्क में भी खूब गंदगी देखने को मिलती है।
पार्क के आसपास लगे है कचरे के ढेर
इस पार्क की बाउड्री के आसपास सुबह से ही कई ठेले वाले खड़े हो जाते है। इनका निकलने वाला कचरा पार्क की बाउड्री के आसपास ही फैला रहता है। वहीं पार्क की बाउड््री के सामने कई मकान बने हुए है। इनसे निकलने वाला कचरा भी बाउड्री के किनारे ही जमा हो जाता है। पार्क की बाउड्री से लगा नगर निगम का स्वीमिंग पुल भी है। इसकी सफाई का कचरा भी पार्क के आसपास ही डाल दिया जाता है। इससे सुबह और शाम को घूमने आने वाले लोगों को गंदगी का सामना करना पड़ रहा है। पार्क में दीनदयाल नगर के अलावा आसपास की लगभग दस से अधिक कॉलोनियों के लोग घूमने आते है। हालात यह हो जाते है कि सुबह और शाम को पार्क में मेला सा लगता है। लेकिन पार्क का मेंटनेस न होने के कारण अब पार्क में भी गाजर- घास खूब बढे गई है। इसके चलते यहां पार्क में आने वाले लोगों को परेशानी होती है। पार्क में खाद बनाने के लिए दो अलग- अलग टंकियां बनाई गई थी। जो यहां के कचरे से बनना था, लेकिन इस टंकी में अब सूखा कचरा और गंदगी भरी पड़ी है। इसमें से बदबू भी आने लगी है। लेकिन मेंटनेंस के नाम पर कोई भी देखने वाला तक नहीं है। पार्क की बाउड्री के किनारे शाम होते ही सब्जी मंडी भी लगती है। मंडी में काफी संख्या में ग्वालियर सहित आसपास के गांव से किसान अपनी सब्जी लेकर आ जाते है। मंडी का कचरा भी हवा में उड़ता रहता है। इससे कारण आसपास के घरों के बाहर यही कचरा फैलता रहता है।
इसी पार्क में पानी की टंकी भी बनी हुई है। पानी की टंकी ओवरफ्लों होने के कारण आए दिन फैलती रहती है। इससे पार्क में गंदगी हो जाती है। शहर में बना एक मात्र इतना बड़ा शानदार पार्क एक साल में ही उजडऩे लगा है। पार्क में सुबह और शाम को हर उम्र के लोग आते हे। छोटे बच्चों के साथ बुजुर्ग तो घास में खेलते ही रहते है। वहीं पार्क में भीड़ होने के कारण अब पार्क के आसपास शाम होते ही मेला जैसा माहौल बन जाता है।
इनका कहना है
पार्क के मेंटनेंस के लिए अभी टेंडर होना है। टेंडर के बाद ही इसका पूर्ण रुप में मेंटनेंस शुरु हो सकेगा। अभी गाजर- घास और साफ सफाई देखकर हम करा देंगे।
मुकेश बसंल, पार्क अधीक्षक

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