scriptकोचिंग सेंटरों में बच्चों की जान से खिलवाड़, सूरत हादसे के बाद पत्रिका ने शहर के कोचिंग सेंटरों का लिया जायजा | patrika gwalior ground report on coaching center safety aids | Patrika News
ग्वालियर

कोचिंग सेंटरों में बच्चों की जान से खिलवाड़, सूरत हादसे के बाद पत्रिका ने शहर के कोचिंग सेंटरों का लिया जायजा

हड़बड़ाए कुछ संचालक बोले- रिफिलिंग होने गया है यंत्र, तो कुछ ने कहा अभी मंगाए हैं……..

ग्वालियरMay 26, 2019 / 11:29 am

Gaurav Sen

patrika gwalior ground report on coaching center safety aids

कोचिंग सेंटरों में बच्चों की जान से खिलवाड़, सूरत हादसे के बाद पत्रिका ने शहर के कोचिंग सेंटरों का लिया जायजा

ग्वालियर। छात्र-छात्राओं से मोटी रकम वसूल करने वाले कोङ्क्षचग संचालक उनकी सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। अधिकांश कोचिंग सेंटर दूसरी, तीसरी मंजिल पर संचलित हो रहे हैं, लेकिन न तो अग्निशमन यंत्र लगे हैं, न ही इमरजेंसी डोर हैं। कई सेंटरों पर सीढिय़ा इतनी संकरी हैं कि अगर कोई हादसा हो जाए तो दो लोग एक साथ उतर भी नहीं सकते हैं। पार्किंग की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। सुरक्षा के लिए केवल सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।

गुजरात के सूरत में कोचिंग संस्थान में आग लगने से 19 बच्चों की मौत होने के बाद पत्रिका टीम ने शनिवार को शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में संचालित कोचिंग सेंटरों पर जाकर सुरक्षा इंतजाम देखे तो तमाम खामियां नजर आईं। कोचिंग संचालकों से बात की तो सब बहाने बनाते दिखे। कोई बोला आज ही मंगवाए हैं, तो किसी ने कहा यंत्र रिफिलिंग होने गए हैं। इस दौरान शहर के 95 प्रतिशत कोचिंग सेंटर प्रशासन द्वारा तय किए 13 सुरक्षा बिंदु पर फेल नजर आए।

प्रशासन के ढीले रवैये के कारण कोचिंग संचालक बेफिक्र दिखे। कुछ दिन पहले पुलिस प्रशासन ने कोचिंग संचालकों की बैठक लेकर उन्हें सुरक्षा के उपाए करने के लिए हिदायत दी थी, लेकिन बैठक के बाद प्रशासन भी भूल गया और संचालक भी भूल गए। किसी सेंटर पर सुरक्षा के उपाए नहीं हुए।

फायर सिस्टम नहीं, सुरक्षा गार्ड गायब
फूलबाग स्थित कंषाना टॉवर में संचालित बीके सिंह कोचिंग में न तो अग्निशमन यंत्र थे, न ही सुरक्षा गार्ड तैनात था। छात्रों के आने-जाने के लिए सीढिय़ां भी इतनी संकरी थीं कि दो बच्चे एक साथ निकलें तो फंस जाएं। हालांकि अभी सेंटर में क्लासेस नहीं चल रही थी। असल में कोचिंग बीके सिंह के नाम से है, लेकिन संचालक सनद चौहान बताए जाते हैं।

कोचिंग क्लासेस की जांच के लिए बनाए चार दल
कलेक्टर अनुराग चौधरी ने शहर के कोचिंग संस्थानों की जांच के लिए 4 दल गठित किए हैं। यह दल कोचिंग संस्थानों के अलावा सरकारी-निजी छात्रावासों में बच्चों की सुरक्षा और हितों की जांच करेंगे। जहां कमियां मिलेंगीं वहां कार्रवाई भी करेंगे। कलेक्टर के निर्देश पर एडीएम संदीप केरकेट्टा ने जांच दल गठित करने के साथ ही 13 ङ्क्षबदु की गाइडलाइन भी बनाई है।

यह अधिकारी हैं दलों में शामिल

तरह-तरह के बनाए बहाने – संचालक बोले, मंगाए हैं फायर यंत्र
फूलबाग स्थित बादाम सिंह कोचिंग सेंटर दूसरी मंजिल पर है। यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी होती है। करीब 4 बैच में डेढ़ हजार बच्चे हैं, लेकिन यहां अग्निशमन यंत्र नहीं था। संचालक बादाम सिंह से पूछा तो उन्होंने बताया कि सूरत की घटना के बाद सुबह ही अग्निशमन यंत्र ऑर्डर कर दिया है, शाम तक लग जाएंगे। हालांकि सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड और आने-जाने के लिए दो प्रवेश द्वार यहां थे।

सुबह ही रिफिलिंग के लिए भेजा है
सिटी सेंटर स्थित शार्पन अप कोङ्क्षचग सेंटर पर चौथी से दसवीं कक्षा तक के बच्चे पढ़ते हैं। यह तीसरी मंजिल पर है, लेकिन आने-जाने का एक ही प्रवेश द्वार है। सेंटर ने अपनी तरफ से कोई गार्ड नहीं रखा है, अग्निशमन यंत्र भी नहीं मिला। इस सबंध में वहां मौजूद मैनेजमेंट के सदस्य जितेन्द्र से पूछा तो उनका कहना था यंत्र रिफिलिंग करने भेजा है।

ऑर्डर कर दिया है, एक-दो दिन में लग जाएंगे
बसंत विहार में इलाइट कोचिंग सेंटर में अग्निशमन यंत्र नहीं था। पार्किंग के लिए भी उचित व्यवस्था नहीं थी। संचालक गौरव दीक्षित का कहना था कि कुछ देर पहले ही नगर निगम की टीम निरीक्षण करने आई थी। एक-दो दिन में अग्निशमन यंत्र लग जाएगा।

कोचिंग, हॉस्टल में सुरक्षा के 13 बिन्दु

patrika gwalior ground report on coaching center safety aids

कोचिंग सेंटर के पास ही मेस
लक्ष्मीबाई कॉलोनी स्थित ओम डिफेंस अकादमी में अग्निशमन यंत्र नहीं लगा था। इंस्टीट्यूट चौथी मंजिल पर था और रास्ता भी संकरा था। रास्ते में कहीं भी आग से निपटने के इंतजाम नहीं थे। लिफ्ट भी नहीं थी। साथ ही कोचिंग के पास ही मैस भी संचालित हो रही थी। यहां भी आग से निपटने के इंतजाम नहीं थे। कोचिंग संचालक से बात की तो उन्होंने बताया कि आज ही उन्होंने अग्निशमन यंत्र मंगाया है, उसे क्लास रूम में लगाने वाले हैं।

patrika gwalior ground report on coaching center safety aids

बेहद संकरी सीढिय़ां
फूलबाग स्थित श्रीराम टॉवर में ब्रिलिएंट कोचिंग क्लास तीसरी मंजिल पर है। यहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं मिले। क्लास रूम के पास ही कवाड़ा जमा था। सीढिय़ां भी बहुत कम चौड़ी थीं, जिससे आपात स्थिति के समय भगदड़ मच सकती है और हालात बिगड़ सकते हैं।

patrika gwalior ground report on coaching center safety aids

अग्निशमन यंत्र नहीं
थाटीपुर में संचालित कौटिल्य अकादमी में दो क्लास रूम थे, दोनों में ही अग्निशमन यंत्र नहीं थे। इस संबंध में कोचिंग स्टाफ का कहना था कि अग्निशमन यंत्र मंगाए हैं, जल्द ही लगा लेंगे।

patrika gwalior ground report on coaching center safety aids

एक्सपायरी अग्निशमन यंत्र
सिटी सेंटर स्थित टाइम कोचिंग सेंटर पर पत्रिका टीम के आग से निपटने के इंतजाम के बारे में पूछने पर पहले तो स्टाफ ने आनाकानी की, बाद में एक अग्निशमन यंत्र दिखाया, लेकिन वह एक्सपायर हो चुका था। इस पर स्टाफ ने कुछ भी कहने से मना कर दिया। यहां भी आग से निपटने के पर्याप्त इंतजाम नहीं मिले। इसके अलावा सीढिय़ों पर रैलिंग भी नहीं लगी थी।

Home / Gwalior / कोचिंग सेंटरों में बच्चों की जान से खिलवाड़, सूरत हादसे के बाद पत्रिका ने शहर के कोचिंग सेंटरों का लिया जायजा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो