ग्वालियर। कलेक्ट्रेट पहाड़ी को हरा-भरा और आकर्षक बनाने के लिए प्लानिंग की जा रही है। इसके तहत पहाड़ी के चारों ओर की ढलान पर मौजूद गड्ढों को भरने के साथ छायादार पेड़ लगाए जाएंगे। सेहत बेहतर रखने के लिए पहाड़ी पर सुबह-शाम सैर करने लोग जा सकें, इसके लिए पाथ-वे, हरियाली के लिए कतार में पौधे लगाने के साथ आराम के लिए पाथ-वे के किनारे पर बैंच लगाई जाएंगी। जन सहयोग से कलेक्ट्रेट पहाड़ी को खूबसूरत बनाने के लिए यह प्लानिंग लगभग तय हो गई है, जल्द ही इस पर अमल शुरू हो जाएगा।
इस तरह होना है काम
पाथ-वे -प्रदूषण रहित वातावरण में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चों को सुबह और शाम की सैर के लिए पहाड़ी पर पाथ-वे बनाए जाएंगे। यह कलेक्ट्रेट भवन के आसपास पहाड़ी के नीचे के क्षेत्र में बनाने की प्लानिंग है। इससे आसपास की टाउनशिप में निवासरत लोगों को टहलने के लिए प्राकृतिक वातावरण मिल सकेगा।
हरियाली
पाथ-वे -प्रदूषण रहित वातावरण में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चों को सुबह और शाम की सैर के लिए पहाड़ी पर पाथ-वे बनाए जाएंगे। यह कलेक्ट्रेट भवन के आसपास पहाड़ी के नीचे के क्षेत्र में बनाने की प्लानिंग है। इससे आसपास की टाउनशिप में निवासरत लोगों को टहलने के लिए प्राकृतिक वातावरण मिल सकेगा।
हरियाली
-पाथ-वे के किनारे ऑक्सीजन उत्सर्जित करने वाले और वातावारण में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाले पेड़ थोड़ी-थोड़ी दूर पर लगाए जाएंगे। पाथ-वे के अलावा ढलान पर सघन पौधरोपण किया जाएगा, ताकि तीन-चार साल में पूरी पहाड़ी हरियाली से आच्छादित हो जाए।
सौंदर्यीकरण
सौंदर्यीकरण
-पहाड़ी पर घूमने के लिए जो पाथ-वे बनाया जाएगा, उस पर पोल लगाकर लाइटिंग की जाएगी। इससे शाम को जो लोग घूमने आएंगे, उन्हें अंधेरे का सामना नहीं करना पड़े। साथ ही थकान मिटाने के लिए बीच में पत्थर की बैंच लगाई जाएंगी।
यह पौधे को लगाने का प्लान
यह पौधे को लगाने का प्लान
-वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण कर ऑक्सीजन देने वाले लंबी उम्र वाले पेड़ों के पौधे लगाए जाएंगे। इनमें नीम, पीपल, बरगद, ऊमर, पाखर, अशोक, अर्जुन, मोर पंखी, गूलर, व्हाइट मॉर्निंग ग्लोरी, चाइनीज हनी सकल, इंडियन बेल, कदम, पारिजात, हायड्रिला, वाटर लेट्यूस, वेलिसनेरिया, अशोक सहित अन्य प्रजातियों के छायादार पेड़ों के पौधे रोपे जाएंगे। इनके बीच-बीच में फूलों के पौधे भी लगाए जाएंगे, ताकि वातावरण आकर्षक रहे।
पक्षियों की चहचहाहट भी रहेगी
पक्षियों की चहचहाहट भी रहेगी
-मैदानी क्षेत्रों की बजाय ऊंचे पहाड़ी स्थान पर बसेरा बनाने वाले पक्षियों को पेड़ों से आसरा मिल सकेगा। यहां भारतीय प्रजातियों के पक्षियों के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध होगा।
पहाड़ी को आकर्षक बनाएंगे -पहाड़ी पर भवन के अलावा नीचे से ऊपर तक काफी जगह है, हम इसे आकर्षक बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं। इसके लिए जन सहयोग लेने का प्लान है, ताकि शहर के लोग आत्मिक रूप से जुड़ें। हरियाली, पाथ-वे सहित सौंदर्यीकण का पूरा काम हो जाने पर यह सिर्फ प्रशासनिक भवन न होकर सुबह-शाम की सैर की जगह बन जाएगा।
पहाड़ी को आकर्षक बनाएंगे -पहाड़ी पर भवन के अलावा नीचे से ऊपर तक काफी जगह है, हम इसे आकर्षक बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं। इसके लिए जन सहयोग लेने का प्लान है, ताकि शहर के लोग आत्मिक रूप से जुड़ें। हरियाली, पाथ-वे सहित सौंदर्यीकण का पूरा काम हो जाने पर यह सिर्फ प्रशासनिक भवन न होकर सुबह-शाम की सैर की जगह बन जाएगा।
अनुराग चौधरी, कलेक्टर