हत्यारोपी धर्मेन्द्र अहिरवार ने बताया कि उसकी बहन उरई में किराए का कमरा लेकर पढ़ाई करती है। छोटू और अरुण को हाईवे से साथ लेकर तीनों बहन के घर गए। वहां कुछ देर रुके। यहां तय कर लिया कि चिकासी के रास्ते पर रिंकू का काम खत्म कर देंगे। शाम को उरई से रवाना हुए। रास्ते में शराब पार्टी की। बेतवा नदी के पास ठिकाने पर ले जाकर रिंकू की हत्या कर दी।
पुलिस के मुताबिक धर्मेन्द्र ने छोटू और अरुण को लालच दिया था कि रिंकू को मार कर खदान के पास फेंक देंगे। यहां उसे पहचानने वाला कोई नहीं है। फिर उसकी कार अपनी हो जाएगी। तीनों उससे तरफी करेंगे। हत्या के बाद धर्मेन्द्र बेधडक़ कार लेकर घूमता भी रहा।