संदेहियों की प्रोफाइल
राजीव गोविला पुत्र गोपाल प्रसाद गोविला निवासी कुम्हरपुरा – नकली मार्कशीट बनाने में दो साल पहले पकड़ा जा चुका है।
विजय सिंह पुत्र शशिकांत आदिवासी निवासी भीमनगर – राजीव गोविला की कार का चालक
विक्रम सिंह पुत्र सुरेश आदिवासी निवासी सुरेश नगर – नशा कारोबार
चंदन सिंह पुत्र रामेश्वर निवासी भीमनगर – महाराजपुरा एयरफोर्स में इएमएस विभाग में पदस्थ
23 मार्कशीट, 13 सील
पुलिस के मुताबिक कार मित्तल कॉलेज मोहाली की 10 मूल मार्कशीट के अलावा लखनऊ, दिल्ली, भोपाल के तमाम कॉलेज की 13 मार्कशीट की फोटोकॉपी सहित पेरामेडिकल की मार्कशीट मिली हैं, जबकि बैग से एसबीआइ, उप संचालक शिक्षा, जन शिक्षण संस्थान गुना, जनशिक्षण संस्थान दिल्ली सहित कुल 13 विभागों की सीलें मिली हैं।
पुलिस का सवाल : इतनी मार्कशीट, सील क्यों रखीं
पुलिस अब संदेहियों से पूछताछ कर रही है कि आखिर इतनी मार्कशीट और सील लेकर क्यों घूम रहे थे? सरकारी विभागों की सील रखने की इजाजत किसने दी है? दरअसल संदेही इस बात का जवाब नहीं दे पाए कि मार्कशीट कहां से और क्यों लाई गईं? पुलिस को शक है कि आरोपी राजीव एक बार फिर नकली मार्कशीट बनाने के अपराध को अंजाम दे रहा है। नकली मार्कशीट नए ग्राहकों के लिए तैयार की गई हैं। बता दें कि राजीव गोविला करीब दो साल पहले वीरेन्द्र रावत को डीएड की फर्जी मार्कशीट के जरिए संविदा शाला शिक्षक बनवाने में पकड़ा जा चुका है।
चुप्पी साधे आरोपी, बड़ी डील की आश्ंका
पूछताछ में पुलिस का फोकस राजीव से सच उगलवाने का है। शक है कि राजीव प्रदेश के बाहर नकली मार्कशीट बनाकर बेचने का धंधा कर रहा है इसलिए उसकी कार में दूसरे प्रदेशों की मार्कशीट और सील थीं। पकडे गए बाकी तीनों संदेही मार्कशीट और सील के बारे में जानकारी से साफ मुकर रहे हैं। चंदन सिंह आदिवासी तो दलील दे रहा है कि वह तो गैस सिलेंडर लेेने आया था। विक्रम से दोस्ती है तो उसके पास रुक गया।