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तापमान में कमी और हवा बंद रहने से बढ़ा प्रदूषण

locationग्वालियरPublished: Nov 14, 2019 09:49:21 pm

Submitted by:

Vikash Tripathi

शहर में मौसम में गुरूवार को आए बदलाव से प्रदूषण का ग्राफ ऊपर चला गया। शहर में प्रदूषण का स्तर पहले से ही मानक स्तर से अधिक था ही लेकिन तापमान में कमी और हवा बंद रहने से प्रदूषण बढ़ गया। पीएम २.५ का स्तर१३८.६५ पर पहुंच गया जो कि बीते कई दिनों से अधिक है। इसके साथ ही पीएम १० का स्तर भी २११ पर रहा। इतना अधिक प्रदूषण तो दीपावली और उसके बाद भी नहीं रहा। प्रदूषण बढऩे से सांस रोगियों के लिए समस्या बढ़ गई है।

तापमान में कमी और हवा बंद रहने से बढ़ा प्रदूषण

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बादल छाने से दिन का तापमान गत दिवस की तुलना में २ डिग्री सेल्सियस कम यानि की २९ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। तापमान में कमी और हवा बंद रहने से प्रदूषण फैलने के बजाए एकत्रित हो गया। फूलबाग पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लगाई गई डिस्प्ले पर जो आंकड़े प्रदर्शित किए गए वह मानक से बहुत अधिक थे। शाम ५ बजे पीएम १० का स्तर २११ पर था जो कि मानक स्तर १०० से अधिक था। वहीं पीएम २.५ का स्तर १३८.६५ था जबकि मानक स्तर ६० है।
पीएम २.५ अधिक खतरनाक
प्रदूषण बढ़ाने में पीएम १० और पीएम २.५ दोनों ही जिम्मेदार होते हैं। वैसे तो दोनों ही खतरनाक हैं लेकिन पीएम २.५ अधिक प्रभाव डालता है। दरअसल पीएम २.५ के पार्टिकल बहुत ही सूक्षम होता है जब व्यक्ति इसके संपर्क में आता है तो यह श्वास नली के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाता है। यह इतना अधिक सूक्ष्म होता है कि फैफड़े भी इसे रोक नहीं पाते और यह रक्त में भी प्रवेश कर जाता है। जिससे हृदय, श्वास सहित कई तरह की गंभीर बीमारियां हो जाती हैं। पीएम २.५ बढ़ाने में वाहनों का धुंआ सबसे अधिक जिम्मेदार होता है। जबकि पीएम १० धूल के कारण बढ़ता है।
धूल औ धुंआ ने बढ़ाई परेशानी
शहर में सड़कों की खराब हालत लोगों के परेशानी का सबब बनी हुई है। सड़कों पर उडऩे वाली धूल प्रदूषण तो बढ़ा ही रही है साथ ही लोगों को श्वास रोगी भी बना रही है। वहीं वाहनों से निकलने वाला खतरनाक धुंआ भी प्रदूषण को बढ़ा रहा है। शहर में बड़ी संख्या में ऐसे सवारी वाहन चल रहे हैं जो कि १० साल से अधिक पुराने हो चुके हैं लेकिन इनकी जांच पड़ताल तक नहीं की जाती है। जबकि १० साल से अधिक पुराने वाहनों को प्रशासन ने शहर से बाहर करने की योजना बनाई थी लेकिन यह सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गई है। इन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। परिवहन विभाग द्वारा भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। जिसके कारण टेंपो खुलेआम धुंआ छोड़कर हवा को जहरीला बना रहे हैं।

तापमान में कमी और हवा बंद होने से प्रदूषण वातावरण में फैल नहीं पाता है जिससे प्रदूषण बढ़ जाता है। मानक स्तर से पीएम २.५ और १० दोनों ही बढ़े हैं जो कि सही नहीं है। हवा चलने पर स्थिति सामान्य होगी।
हरेन्द्र शर्मा, विभागाध्यक्ष, पर्यावरण विभाग जेयू
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