scriptअमृत योजना में अडंग़ा बनी बोरिंग को बंद करने की तैयारी | Preparation of closure of boring, idle in Amrit scheme | Patrika News
ग्वालियर

अमृत योजना में अडंग़ा बनी बोरिंग को बंद करने की तैयारी

पुराने जलस्रोत हैं, उन्हें बचाने में भी अधिकारी उदासीन हैं। नगर निगम प्रशासन लोगों से पानी बचाने की अपील कर रहा है, लेकिन पुराने जल स्रोतों को बचाया लिया जाए तो जल संकट से काफी हद तक निजात मिल सकती है।

ग्वालियरApr 30, 2019 / 07:36 pm

राजेश श्रीवास्तव

water

अमृत योजना में अडंग़ा बनी बोरिंग को बंद करने की तैयारी

ग्वालियर. नगर निगम प्रशासन द्वारा जल संकट से निपटने के लिए नए जलस्रोत नहीं स्थापित किए जा रहे हैं, लेकिन जो पुराने जलस्रोत हैं, उन्हें बचाने में भी अधिकारी उदासीन हैं। नगर निगम प्रशासन लोगों से पानी बचाने की अपील कर रहा है, लेकिन पुराने जल स्रोतों को बचाया लिया जाए तो जल संकट से काफी हद तक निजात मिल सकती है। लक्कडख़ाना क्षेत्र में अमृत योजना के तहत डाली जा रही सीवर लाइन में बोरिंग अड़ंगा बनी तो संबंधित ठेकेदार ने बोरिंग को बंद करने की तैयारी कर ली, जबकि बोरिंग में अभी भी पानी है। स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया गया तो फिलहाल काम रोक दिया गया है। स्थानीय लोगों द्वारा इस संबंध में निगम अधिकारियों को अवगत कराया गया है, लेकिन अधिकारियों द्वारा बोरिंग को बचाने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। इसका खुलासा एक्सपोज रिपोर्टर की ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान हुआ।
लक्कडख़ाना क्षेत्र में इन दिनों अमृत योजना के तहत सीवर लाइन डालने का काम किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा सडक़ की खुदाई कर लाइन डाल दी गई है, अब लोगों के घरों में कनेक्शन दिए जाने का काम किया जा रहा है। जिस जगह पर सीवर लाइन डाली गई है, उसके बीच में पुरानी बोरिंग है, जिसमें अभी भी पानी आ रहा है। विगत वर्ष मोटर खराब होने के कारण बोरिंग को खुला छोड़ दिया गया था, जिसकी आज तक सुध नहीं ली गई। सीवर लाइन डालने के दौरान जब ठेकेदार द्वारा बोरिंग को पूरी तरह बंद कराने की तैयारी कर ली गई तो स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया गया। लोगों ने बोरिंग में बोतल डालकर पानी निकाला और ठेकेदार को दिखाकर कहा कि जब बोरिंग में पानी है तो इसे बंद क्यों कराया जा रहा है। स्थानीय लोगों के विरोध के चलते ठेकेदार द्वारा उस जगह पर काम बंद कर दिया गया है। स्थानीय लोगों ने बोरिंग को पुन: चालू कराने के लिए निगम प्रशासन को बोरिंग की स्थिति से अवगत कराया है, लेकिन निगम प्रशासन द्वारा इस संबंध में अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है। अगर इस बोरिंग को चालू कर दिया जाए तो क्षेत्र में पानी की समस्या काफी हद तक हल हो सकती है।
सीवर लाइन में गुणवत्ता का नहीं रखा जा रहा ध्यान
लक्कडख़ाना क्षेत्र में अमृत योजना के तहत डाली जा रही सीवर लाइन के काम में गुणवत्ता का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। सीवर लाइन डालने का काम करने वाली इंब्राइड कंपनी द्वारा ठेके पर काम कराया जा रहा है। ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा मनमर्जी से काम किया जा रहा है, इसको लेकर स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया जाता है तो ठेकेदार के कर्मचारी विवाद पर उतारू हो जाते हैं। विगत दिनों सीवर लाइन के कनेक्शन के दौरान स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया गया तो ठेकेदार के कर्मचारी लोगों से झगड़ा करने लगे, जिससे काफी देर तक हंगामा होता रहा।
नवाज शरीफ, इंजीनियर, इंब्राइड कंपनी
-आपके द्वारा जैसे ही सूचना दी गई तो टीम को मौके पर भेजकर जांच कराई है। जांच के दौरान पता चला है कि बोरिंग काफी पुरानी है और वह जमीन के अंदर है, इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से पटिया रखकर मिट्टी डलवाकर बंद करा दिया गया है। जहां तक बोरिंग को चालू कराए जाने की बात है तो पीएचई ही इसके लिए जिम्मेदार है।
रामू शुक्ला, प्रभारी, सीवर प्रोजेक्ट, अमृत योजना

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