ग्वालियर। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को केन्द्र सरकार से दो वचन मांगे। उन्होंने कहा, रोटी, कपड़ा और मकान के बहुचर्चित और पुराने स्लोगन में अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य को भी जोड़ा जाए। उसे धरातल पर उतारने के लिए सरकार प्रभावी कदम उठाए। ये महज नारा नहीं होना चाहिए। इसे मिशन के रूप में लिया जाना चाहिए।
उन्होंने खुशी जाहिर की कि केन्द्र सरकार ने गरीबों से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिता पर ले रखा है। प्रधानमंत्री आवास कार्यक्रम के तहत संचालित सबके लिए आवास योजना में काफी संख्या में गरीबों को मकान बनाकर बांटे जा रहे हैं।
राष्ट्रपति मुखर्जी ने ये बातें सोमवार को जीवाजी विश्वविद्यालय के जिम्नेजियम हॉल में राज्य शासन की तरफ से आयोजित समारोह में कहीं। उन्होंने इस दौरान ‘सबके लिए आवास’ योजना के तहत गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को औपचारिक तौर पर घरों की चाबियां सौंपीं। उन्होंने कहा, मैंने वर्ष 2015 में संसदीय अभिभाषण में वर्ष 2022 तक सबको मकान देने की बात कही थी।
राष्ट्रपति ने जोर दिया कि अभी देश में 1.88 करोड़ लोगों के पास खुद का मकान नहीं है। एेसे में वर्ष 2022 तक करीब साढ़े तीन करोड़ लोगों को मकान देना चुनौती पूर्ण होगा। उन्होंने कहा, राहत की बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसके प्रति वचनबद्ध हैं। ये वचनबद्धता मध्यप्रदेश में देख रहा हूं। इस दौरान उन्होंने वर्तमान सत्ताधारी दल और उसके नेताओं को संकेतों में ही आगाह किया कि देश के 80 करोड़ मतदाताओं ने उन्हें लोकतंत्र में बड़ी हैसियत दी है, इसलिए उन्हें लोकतांत्रिक मजबूती और उसकी प्रगति सुनिश्चित करने के लिए युवाओं का ध्यान रखना होगा। इस अवसर पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया, मुख्य सचिव एंटोनी डिसा भी उपस्थित रहे। महापौर विवेक शेजवलकर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मंत्री माया सिंह ने स्वागत भाषण दिया।
इस मौके पर राज्यपाल ओपी कोहली ने कहा, किसी गरीब को घर मिलना उसके सपने साकार होने जैसा है। मुख्यमंत्री अच्छा काम कर रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर ने केन्द्र सरकार की सबको घर उपलब्ध कराने की प्रधानमंत्री के वादे को पूरा करने के लिए उठाए जा रहे कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा है।
राष्ट्रपति ने इन मुद्दों पर भी ध्यान खींचा
1. शहरीकरण एडवांस इकोनॉमी का लक्षण है। इसे कोई नहीं रोक सकता। शहरीकरण गरीबों के लिए चुनौती है, इसलिए उनके लिए हर हाल में रोटी, कपड़ा और मकान होना चाहिए।
– स्मार्ट सिटी पर ग्वालियर के शामिल होने पर बधाई दी।
2. सीएम शिवराज सिंह चौहान के बुलावे पर कहा, मामला गरीबों से जुड़ा था, इसलिए मुझे आना पड़ा।
मुखर्जी को याद आए अपने पुराने दोस्त
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, माया सिंह मेरे साथ संसद में कई साल साथ रहीं। वे अच्छी सांसद रहीं हैं। उन्होंने नारायण कृष्ण शेजवलर को भी याद किया। कहा, मुझे खुशी है कि उनके बेटे ग्वालियर के मेयर हैं।
और ऐसे जीत लिया दिल
राष्ट्रपति की सादगी और सहजता ने सभी का दिल जीत लिया। खास तौर पर जब उन्होंने अपना समूचा भाषण हिंदी में दिया। अंत में स्वीकार किया कि मेरी हिंदी इतनी अच्छी तो नहीं थी, पर मैं आम लोगों के बीच में था, इसलिए हिंदी में बोला। अगर कोई गलती हो गई तो हो तो माफ कीजिएगा। इस पर लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाकर उनका सम्मान किया।