पूरा हुआ GST का एक साल, व्यापारी चाहते हैं कुछ बिंदुओं पर बदलाव
स्टॉकिस्ट तो बाजार से गायब हो गए
एक समय था जब दालों की जमाखोरी जमकर देखने को मिलती थी। जब से दालों के दामों ने नीचे की ओर रुख किया है तभी से बाजार में स्टॉकिस्ट भी गायब से हो गए हैं। उन्हें भी लगने लगा है कि यदि दालें स्टॉक की और दाम यदि इससे भी नीचे चले गए तो क्या होगा।
PMT SCAM केस में जुड़े 14 नये नाम, CBI ने ढूंढ निकाले ये आरोपी
तब 190 रुपए बिकी थी तुअर दाल
कुछ समय पूर्व तुअर दाल 190 रुपए तो चना दाल 115 रुपए किलो तक बिक गई थी। उन दिनों ग्वालियर पल्स ऐसोसिएशन की ओर से कम दामों में दालें उपलब्ध कराई गई थी और लोगों ने कतार में लगकर दालों की खरीदी की थी।
8 ग्राम मिलता है प्रोटीन
शाकाहारी लोगों के लिए दाल बहुत जरूरी है। 1 कटोरी दाल हर व्यक्ति को रोज खाना चाहिए। दालों में भी छिलके वाली दाल सबसे ज्यादा फायदेमंद है। एक कटोरी दाल से 7 से 8 ग्राम प्रोटीन की प्राप्ति होती है।
डॉ.सीमा राणा, डायटीशियन
मनोवृत्ति कर रही काम
बाजार में दालों की बिक्री 30 फीसदी तक घट गई है। ऐसा लोगों की मनोवृत्ति के चलते हो रहा है जब दाम तेज थे तो बड़ी मात्रा में खरीद रहे थे, अब कम दाल सवे काम चलाया जा रहा है।
ओमप्रकाश गुप्ता, अध्यक्ष, ग्वालियर पल्स ऐसोसिएशन
15 किलो की बिक्री
एक समय था जब दालों को खरीदने वालों की भीड़ लगी रहती थी, पर अब दिन भर में 15 किलो दाल बिक जाए तो बहुत है। दालों के प्रति लोगों का रूझान कम है।
अरूण खंडेलवाल, फुटकर किराना कारोबारी