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ग्वालियर के लोगों ने छोड़ दिया दालों को खाना, जानिए क्या है इसका कारण

locationग्वालियरPublished: Jul 01, 2018 01:04:40 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

ग्वालियर के लोगों ने छोड़ दिया दालों को खाना, जानिए क्या है इसके कारण

dal bazaar gwalior

ग्वालियर के लोगों ने छोड़ दिया दालों को खाना, जानिए क्या है इसका कारण

ग्वालियर। दालों के दाम इन दिनों कम होने के बावजूद उनमें ग्राहकी का अभाव देखा जा रहा है। दाल कारोबारियों की मानें तो पिछले कुछ समय में दालों के दाम लगातार नीचे की ओर गए हैं फिर भी इनकी बिक्री 30 फीसदी तक घट गई है। एक समय जब यही दालें महंगी थी, उस समय आमजन की प्रिय थीं और आज दाम कम होने पर भी कोई इनकी ओर देख नहीं रहा है। दाल व्यापारी और बाजार के आंकड़े तो यही बात कह रहे हैं कि आमजन ने दालों को खाना कम कर दिया है। वहीं कारोबारियों का यह भी कहना है कि चुनावी साल होने के कारण यदि सरकार दालों का और स्टॉक छोड़ देती है तब तो दालों की रही-सही कसर भी पूरी हो जाएगी।

 

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स्टॉकिस्ट तो बाजार से गायब हो गए
एक समय था जब दालों की जमाखोरी जमकर देखने को मिलती थी। जब से दालों के दामों ने नीचे की ओर रुख किया है तभी से बाजार में स्टॉकिस्ट भी गायब से हो गए हैं। उन्हें भी लगने लगा है कि यदि दालें स्टॉक की और दाम यदि इससे भी नीचे चले गए तो क्या होगा।

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तब 190 रुपए बिकी थी तुअर दाल
कुछ समय पूर्व तुअर दाल 190 रुपए तो चना दाल 115 रुपए किलो तक बिक गई थी। उन दिनों ग्वालियर पल्स ऐसोसिएशन की ओर से कम दामों में दालें उपलब्ध कराई गई थी और लोगों ने कतार में लगकर दालों की खरीदी की थी।

8 ग्राम मिलता है प्रोटीन
शाकाहारी लोगों के लिए दाल बहुत जरूरी है। 1 कटोरी दाल हर व्यक्ति को रोज खाना चाहिए। दालों में भी छिलके वाली दाल सबसे ज्यादा फायदेमंद है। एक कटोरी दाल से 7 से 8 ग्राम प्रोटीन की प्राप्ति होती है।
डॉ.सीमा राणा, डायटीशियन

मनोवृत्ति कर रही काम
बाजार में दालों की बिक्री 30 फीसदी तक घट गई है। ऐसा लोगों की मनोवृत्ति के चलते हो रहा है जब दाम तेज थे तो बड़ी मात्रा में खरीद रहे थे, अब कम दाल सवे काम चलाया जा रहा है।
ओमप्रकाश गुप्ता, अध्यक्ष, ग्वालियर पल्स ऐसोसिएशन

15 किलो की बिक्री
एक समय था जब दालों को खरीदने वालों की भीड़ लगी रहती थी, पर अब दिन भर में 15 किलो दाल बिक जाए तो बहुत है। दालों के प्रति लोगों का रूझान कम है।
अरूण खंडेलवाल, फुटकर किराना कारोबारी

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