इलाहाबाद, कानपुर में शुरू हो चुकी है व्यवस्था
इलाहाबाद और कानपुर में ट्रेनों को गोद देने की व्यवस्था लागू कर दी गई है। इसमें आरपीएफ के कमांडेंट, सहायक कमांडेंट एवं अन्य अफसरों को ट्रेनें गोद दी गई हैं। जिन अफसरों को ट्रेनें दी गई हैं, ट्रेन और यात्री संबंधी सुरक्षा की जिम्मेदारी उन अफसरों की होगी।
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आरपीएसएफ ने संभाला मोर्चा
ग्वालियर स्टेशन पर कई दिनों से ट्रेनों में चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं। इसे लेकर आरपीएफ के साथ अब आरपीएसएफ भी प्लेटफॉर्म पर गश्त करते हुए दिखेगी। इसके लिए आरपीएफ को आरपीएसएफ के 12 जवान मिल गए हैं। यह जवान ट्रेनों के साथ प्लेटफॉर्म पर भी दिखेंगे। इसके साथ ग्वालियर से निकलने वाली ट्रेनों में आरपीएफ ने भी गश्त बढ़ाई है।
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नाम, मोबाइल नंबर चार्ट पर होगा
ट्रेन गोद लेने वाले आरपीएफ अफसरों का नाम और मोबाइल नंबर ट्रेन के चलित स्टाफ के पास और आरक्षण चार्ट पर अंकित होगा। अगर कोई घटना होती है तो मोबाइल नंबर पर संपर्क कर शिकायत की जा सकती है।
नई व्यवस्था से सुरक्षा बेहतर होगी। अफसरों की जवाबदेही से ट्रेनों में निगरानी सिस्टम बेहतर हो जाएगा। झांसी मंडल के लिए भी प्लान तैयार हो रहा है, इसे यहां भी जल्द ही लागू किया जाएगा।
उमाशंकर तिवारी, कमांडेंट, आरपीएफ