सुरक्षा में चूक आठ महीने से बंद पड़े रेलवे स्टेशन के कैमरे
इन कैमरों को लगने के बाद सभी प्लेटफॉर्म से निकलने वाले लोगों की पहचान आसानी से होने लगी। रेलवे स्टेशन पर अप्रैल महीने में लगी भीषण आग के बाद इन सभी कैैमरों की बायरिंग में आग लग गई।
सुरक्षा में चूक आठ महीने से बंद पड़े रेलवे स्टेशन के कैमरे,सुरक्षा में चूक आठ महीने से बंद पड़े रेलवे स्टेशन के कैमरे
सुरक्षा में चूक आठ महीने से बंद पड़े रेलवे स्टेशन के कैमरे
– स्टेशन पर आग लगने के बाद से बंद पड़े है जीआरपी के ३२ कैमरे
– रेलवे के १४ और आरपीएफ के १५ कैमरे
ग्वालियर. रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों पर नजर रखने के लिए जीआरपी के कैमरे आठ महीने से बंद पड़े है। इन कैमरों के बंद होने से यात्रियों को ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे स्टेशन पर पिछले काफी समय पूर्व रेलवे के साथ आरपीएफ और जीआरपी ने अपने- अपने कैमरों को लगाया था। लेकिन इन कैमरों में से रेलवे और आरपीएफ के कैमरों की क्वालिटी बहुत ही हल्की होने के कारण कभी- कभी तो कैमरों में आरोपी को पहचानना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में दो वर्ष पहले जीआरपी ने ३२ नये हाई क्वालिटी के कैमरों को लगवाया। इन कैमरों को लगने के बाद सभी प्लेटफॉर्म से निकलने वाले लोगों की पहचान आसानी से होने लगी। रेलवे स्टेशन पर अप्रैल महीने में लगी भीषण आग के बाद इन सभी कैैमरों की बायरिंग में आग लग गई। इसके साथ यह अधिकांश कैमरे खराब हो गए। जब से अब तक इन कैमरों को सुधारने के लिए भी कोई नहीं आया है। इतना ही नहीं कैमरों के बंद होने से अब यात्रियों को भी अपनी फुटेज देखने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अभी हाल ही में कुछ यात्रियों का सामान चोरी होने के बाद यात्रियों को फुटेज तक सही तरह से देखने को नहीं मिल सके। रेलवे और आरपीएफ के कैमरों में आरोपी तो दूर कुछ भी साफ नहीं दिखता है। ऐसे में जीआरपी के कैमरों से ही यात्रियों की पहचान हो सकती है। लेकिन आठ महीने से इन कैमरों को देखने वाला तक कोई नहीं है। ऐसे में अब यात्रियों को ही परेशान होना पड़ रहा है।
चारों प्लेटफॉर्म के साथ सर्कुलेटिंग एरिया में है कैमरे
जीआरपी के कैमरों को इस कदर लगाया गया है कि यह कैमरे चारों प्लेटफॉर्म के साथ सर्कुलेटिंग एरिया भी कवर करता है। सर्कुलेटिंग एरिया में एक मात्र कैमरें केवल जीआरपी के ही लगे है। इन कैमरों से पूरे कैंपस को आसानी से कवर किया जा सकता है। इतना ही नहीं प्लेटफॉर्म एक के बाहर के सर्कुलेटिंग एरिया के कैमरों से पार्किंग स्थल तक देखा जा सकता है। लेकिन कैमरों के बंद होने से अब पूरी व्यवस्थाएं बदल गई है। इतना ही नहीं कैमरों के खराब होने की सूचना जीआरपी और रेलवे के अधिकारियों को भी है। लेकिन कोई भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। इसके चलते अब यहां की स्थिति में सुधार नहीं आ रहा है। जीआरपी के कैमरों सभी प्लेटफॉर्म पर आने और जाने वालों पर नजर रहती है। रेलवे स्टेशन पर १४ कैमरे रेलवे और १५ कैमरे आरपीएफ के लगे हुए है। इसमें से रेलवे के चार – पांच कैमरे अक्सर बंद ही रहते है। जो कैमरे चालू है। उनसे से भी कुछ दिखाई नहीं देता। वहीं आरपीएफ के १५ कैमरों की भी क्वालिटी अच्छी न होने से कुछ खास नहीं दिखता है।
रेलवे अधिकारी नहीं ले रहे रुचि
रेलवे स्टेशन पर इन आठ महीनों में जीएम के साथ डीआरएम व अन्य अधिकारी आ चुके है।इन सभी की नजर में यह बात सामने आ चुकी है, लेकिन समस्या का समाधान कोई नहीं कर सका है। इसके चलते अब यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। रेलवे अधिकारी जीआरपी के अधिकारियों पर पूरा मामला रख देते है। इसके चलते कोई भी अपनी रुचि नहीं दिखा रहा है।
इनका कहना है
रेलवे स्टेशन पर आग लगने के बाद से ही हमारे सभी कैमरे खराब पड़े है। इसको लेकर हमने अपने अधिकारियों को अवगत करा दिया है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसके चलते सभी कैमरे बंद है।
अजीत चौहान, टीआई जीआरपी
Home / Gwalior / सुरक्षा में चूक आठ महीने से बंद पड़े रेलवे स्टेशन के कैमरे