script10 घंटे में सिरोल पहाड़ी से अतिक्रमण हटाकर महलगांव पहुंचाए 77 परिवार, 300 करोड़ रुपए बाजार मूल्य की 65 बीघा जमीन मुक्त | removed from encroachment from Sirol hill in 10 hours | Patrika News
ग्वालियर

10 घंटे में सिरोल पहाड़ी से अतिक्रमण हटाकर महलगांव पहुंचाए 77 परिवार, 300 करोड़ रुपए बाजार मूल्य की 65 बीघा जमीन मुक्त

 
:आज न्यायालय में पेश करना है कंप्लायंस रिपोर्ट
77 families removed from encroachment from Sirol hill in 10 hours, 65 bigha land worth Rs 300 crore market value

ग्वालियरJan 19, 2020 / 09:14 pm

Dharmendra Trivedi

77 families removed from encroachment from Sirol hill in 10 hours, 65 bigha land worth Rs 300 crore market value

77 families removed from encroachment from Sirol hill in 10 hours, 65 bigha land worth Rs 300 crore market value

ग्वालियर। गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में अतिक्रमणकर्ताओं की याचिका खारिज होने के बाद शनिवार की रात अतिक्रमण हटाने में नाकाम रहे अधिकारियों ने रविवार को करीब 10 घंटे तक कार्रवाई करके लगभग 300 करोड़ रुपए बाजार मूल्य की 65 बीघ भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा लिया। अधिकारियों ने सुबह 6 बजे से पहले ही सिरोल पहाड़ी पहुंचकर लोगों का साामन बाहर निकलवाना शुरू कर दिया। 11 बजे तक सभी लोगों ने सामान बाहर निकालकर रख लिया था। इसके साथ ही मदाखलत अधिकारी महेन्द्र पाराशर के नेतृत्व में नगर निगम की जेसीबी तुड़ाई में लग गईं। इसके बाद शाम 4 बजे तक सभी महलगांव पहाड़ी स्थित पीएम आवासों के बाहर पहुंचा दिए गए थे। जहां देर रात तक सभी को खाली आवासों का आवंटन किया जाता रहा। प्रधानंमत्री योजना के अंतर्गत बने इन आवासों में सभी अतिक्रमणकर्ताओं की वैकल्पिक व्यवस्था करके सभी को जगह तलाशने की चेतावनी भी दी गई है। कार्रवाई के लिए सुबह सबसे पहले पुलिस बल और वाहन भिजवाए गए थे। इसके बाद एडीएम किशोर कान्याल, एसडीएम अनिल बनवारिया, तहसीलदार शिवानी पांडेय, सीएसपी निवेदिता नायडू सहित सिरोल, झांसी रोड, मुरार और विश्वविद्यालय थाना प्रभारी भी मौके पर पहुंच गए थे। खास बात यह रही कि रात में विरोध करने का मन बना रहे लोगों ने सुबह बिना किसी हील हुज्जत के सामान बाहर निकाल लिया। इसके बाद हुई तुड़ाई में 77 कच्चे-पक्के अतिक्रमण के अलावा जगह घेरने के लिए बनाए चार छोटे और एक बड़ी जगह में बना छोटा सा मंदिर तथा पहाड़ी की ऊपरी ओर बनी छोटी सी दरगाह भी हटा दी गई। इनमें से पेट्रोल पंप के ठीक सामने शासकीय जमीन को घेरकर बनाए एक हनुमान मंदिर की जगह पर सेल टैक्स से रिटायर्ड और कर्मचारी ने कब्जा कर लिया था, जिसको बचाने के लिए सिफारिश भी आई लेकिन अधिकारियों ने उसको हटा दिया।


पहले तीन घंटे में 12, बाद के 7 घंटे में हटे सभी परिवार

-कार्रवाई शुरू होने के बाद सुबह 8.30 बजे तक आधे से ज्यादा लोगों ने सामान निकाल लिया था।
-सुबह 9 बजे तक सभी आवास खाली हो गए थे। इसके बाद जेसीबी ने निर्माण ढहाने शुरू कर दिए।

-सुबह 11 बजे तक 9 परिवार महलगांव चले गए थे।
-दोपहर 12 बजे तक महलगांव पहुंचने वालों की संख्या 11 हुई और 2.30 बजे तक 20 परिवार सामान भरकर ले गए थे।

-शाम 4 बजे तक लगभग सभी परिवार महलगांव चले गए थे, इनमें से कुछ लोग मुरार और सिरोल गांव में भी रहने के लिए चले गए।


इसलिए पहुंंचाया महलगांव

कलेक्टर अनुराग चौधरी ने नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन से चर्चा करके महलगांव में निर्मित करीब 200 आवासों में से खाली आवासों में कुछ समय तक के लिए सिरोल पहाड़ी के लोगों को रखने के लिए चर्चा की थी। इसके बाद इन परिवारों को पहाड़ी से सबसे नजदीकी जगह पर भिजवाया गया। इस जगह रखे गए लोगों पर प्रशासन की नजर आसानी से बनी रहेगी और किसी भी तरह के विरोध या अन्य अप्रिय स्थिति किसी भी कारण से बनी तो तुरंत नियंत्रण किया जा सकेगा।
-महलगांव पहाड़ी पर पहुंचने वाले परिवारों की लिस्टिंग का काम तहसीलदार आरएन खरे सहित दो आरआई और पटवारियों की टीम कर रही थी।

-सिरोल पहाड़ी से परिवारों का सामान भरवाकर रवाना कराने की जिम्मेदारी तहसीलदार शिवानी पांडेय, आरआई केके भोला, शिवदयाल शर्मा, होतम सिंह, एसडीएम के रीडर कुलदीप बघेल सहित 10 पटवारियों की टीम को दी गयी थी।


नायब तहसीलदार के पिता ने भी किया था अतिक्रमण

पेट्रोल पंप के सामने ही सेलटैक्स से सेवानिवॄत्त कर्मचारी गेंदालाल कैलासिया ने पहाड़ी पर हनुमान मंदिर बना लिया था। विंडसर हिल्स में रहने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारी ने रघुवरदास के नाम से मंदिर पर पूजा अर्चना भी जारी रखी थी। इन्होंने बताया कि इस जगह पर मूर्ति पहले से रखी थी, यहां अपने फंड की राशि से निर्माण किया है। गेंदालाल ने बताया कि एक पुत्र भूपेंद्र कैलासिया नायब तहसीलदार है और वर्तमान में सहारनपुर में पोस्टिंग है, इससे पहले करैरा में पदस्थ थे।


सामान हटते ही चली जेसीबी

सिरोल पहाड़ी पर बसे लोग जहां एक तरफ अपना सामान बांध रहें थे। वहीं दूसरी ओर उनके सामान को बसों में रखवाकर उन्हे नगर निगम के आवास में शिफ्ट करने की कारज़्वाई की गई। इसके बाद पूरी तैयारी के साथ पंहुचे प्रशासन ने खाली हुए अवैध मकानों को तोडऩे की कारज़्वाई की गई। नगर निगम की 5 जेसीबी के जरिए यहां बने मकानों को जमीदोंज कर दिया।


वाटर कैनन और पुलिस बल रहा तैनात

प्रशासन को इस बात की शंका थी कि अतिक्रमण हटाए जाने की कारज़्वाई का सिरोल पहाड़ी पर अवैध रूप से रह रहे लोग विरोध कर सकते है। लिहाजा ऐसी स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल के साथ-साथ वाटर कैनन को भी मौके पर मुस्तैद किया गया।


इसलिए हटाने में दिखाई मुस्तैदी

सिरोल पहाड़ी की वन भूमि पर हुए अतिक्रमण को लेकर अशोक कुमार नाम के याची ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने 28 जून 2019 को अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। आदेश का पालन-प्रतिवेदन 28 अगस्त 2019 को कलेक्टर द्वारा हाईकोर्ट में सौंपा जाना था। इस आदेश के पालन में तुड़ाई के लिए पहुंचे एसडीएम बनवारिया और तहसीलदार पांडेय को राजनीतिक विरोध का सामना करना पड़ा था। इस विरोध के बाद अतिक्रमणकर्ता सुप्रीम कोर्ट में अपील लेकर गए थे, लेकिन बीते गुरुवार को अपील खारिज होते ही प्रशासन पूरी तैयारी के साथ शनिवार की रात पहुंचा था और रविवार को सभी आवास तोड़ दिए। अब आज इसकी कंप्लायंस रिपोर्ट न्यायालय में पेश की जाएगी।


वैकल्पिक है व्यवस्था

-जिन 77 परिवारों को सिरोल पहाड़ी से हटाकर महलगांव में बने पीएम आवासों में शिफ्ट किया गया है।
-क्षेत्रीय विधायक की मांग पर सभी को आवास पट्टे प्रदान करने के लिए परिवारों का सत्यापन किया गया था।

-पहाड़ी पर रहने वाले परिवारों में से सिर्फ 35 ही मध्यप्रदेश के वास्तविक निवासी निकले हैं।
-हटाए गए परिवारों से अधिकारियों ने कहा है कि यह व्यवस्था वैकल्पिक है और सभी अपने लिए घर तलाश लें।

-जो प्रधानमंत्री आवास योजना के मापदंडों को पूरा करने की पात्रता रखता होगा वह आवास के लिए नगर निगम में आवेदन कर सकेगा।


यह भी बोले लोग

पहाड़ी पर निवासरत लोगों ने बताया कि पूर्व में जब हटाने की बात की गई थी तब डोंगरपुर में रमौआ डैम के पास की खाली जमीन पर पट्टे दिए जाने की बात कही गई थी, लेकिन वहां ऐसी जगह में कैसे रहते, इसलिए हम सभी ने मना कर दिया था। हालांकि, अधिकारियों ने डोंगरपुर की जमीन पर सिरोल पहाड़ी पर निवासरत लोगों को पट्टा दिए जाने की बात से अनभिज्ञता जताई है। एसडीएम,तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों का कहना था कि महलगांव के खाली आवासों में अस्थाई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।


एक नजर में कार्रवाई

-सुबह 5 बजे पुलिस अमला सिरोल पहाड़ी पर पहुंच गया था।
-सुबह 6 बजे सामान ले जाने के लिए मौके पर चार बड़े ट्रक, 25 मंझोले लोडिंग वाहन और महिला और बच्चों को ले जाने के लिए चार बसें लगाई गई।

-शाम 4 बजे तक लगभग परिवारों को हटाकर महलगांव भेजा जा चुका था। कुछ परिवारों ने स्वयं अपनी व्यवस्था की है।
-विरोध-पथराव जैसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तीन पुलिस वैन के साथ एक वज्र भी तैनात किया गया था।

-दो एम्बुलेंस, तीन नगर निगम के ट्रेक्टर, तीन डंपर, 2 वाटर कैनन भी मौके पर रहीं।
-अतिक्रमण हटाने के लिए 5 जेसीबी का इस्तेमाल किया गया।


-न्यायालय के आदेश के पालन प्रतिवेदन में सिरोल पहाड़ी पर कार्रवाई की गई थी। रविवार सुबह से कार्रवाई शुरू करके शाम तक सभी अतिक्रमण हटा दिए गए हैं। यहां से 77 परिवारों को अस्थाई तौर पर महलगांव स्थित पीएम आवासों में वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत शिफ्ट किया गया है। इसके साथ ही सभी को निर्देश दिए गए हैं कि अपने लिए स्थान तलाश लें।

शिवानी पांडेय, तहसीलदार

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