गवर्नमेंट की ओर से कई स्कीम चल रही हैं, लेकिन उसका फायदा लेने के लिए जब लोग पहुंचते हैं, तो कई परेशानियां आती हैं। स्कीम की मॉनिटरिंग की प्रॉपर व्यवस्था होनी चाहिए।
विजेता सिंह
शहर में कई प्रोजेक्ट पेंडिंग पड़े हैं, जिनसे टूरिस्ट बढ़ सकता है। रोपेवे उन्हीं में से एक है। इसके तैयार होते ही किले तक पहुंचने का रास्ता सुगम हो जाएगा।
अंकुर माहेश्वरी
नितिन अग्रवाल
शहर में स्पोट्र्स में नेशनल और इंटरनेशनल कई प्लेयर हैं, लेकिन उनके सीखने के लिए यहां प्रॉपर इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। शहर में कोच, स्टेडियम और सुविधाओं को बढ़ाया जाना चाहिए।
प्रशांत गुप्ता
स्वास्थ्य की स्थिति शहर में बहुत खराब है। गवर्नमेंट हॉस्पिटल में डॉक्टर्स नहीं है। प्रॉपर सुविधाएं नहीं हैं। किसी भी इमरजेंसी में शहर के लोगों को दिल्ली, इंदौर भागना पड़ता है।
विवेक खंडेलवाल
गवर्नमेंट स्कूल्स की हालत खराब है। न ही वहां टीचर्स हैं और न ही सुविधाएं। जबकि सबसे अधिक स्टूडेंट्स सरकारी स्कूल्स में ही हैं। उनमें भी स्मार्ट क्लासेस बननी चाहिए।
क्षमा खंडेलवाल
शहर का सबसे बड़ा मुद्दा इन दिनों ट्रैफिक है। इसके लिए प्रॉपर प्लान होना चाहिए। शहर में आज भी ऐसे ऑटो चल रहे हैं, जो रजिस्टर्ड नहीं है। ऑटो के कहीं भी रोक देने के कारण जाम लगता है।
सुमित कश्यप
शहर भर में अतिक्रमण बहुत अधिक है। खास तौर से मार्केट के अतिक्रमण का हटाया जाना चाहिए। इससे ग्वालियर का मार्केट अच्छा होने के साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था भी सुधरेगी।
हेनरी एलेक्जेंडर
स्वच्छता में हमारा शहर बहुत पीछे है। चुने जा रहे सांसद से मैं यही कहना चाहूंगा कि सबसे पहले उन्हें शहर को स्वच्छ बनाकर नंबर वन पर लाने की ओर ध्यान देना चाहिए।
राघवेन्द्र सिंह
स्वर्ण रेखा नदी पूरे शहर को कवर करती है। इसमें पानी भरकर बोट चलवाई जा सकती है, जिसका लुत्फ टूरिस्ट उठा सकेंगे। साथ ही स्टॉपेज बनवाकर आने-जाने के लिए भी यूज किया जा सकता है।
आकाश गुप्ता
शहर में फैशन से जुड़े कोई अच्छे इंस्टीट्यूट नहीं हैं। इसके लिए यंगस्टर्स को मेट्रो सिटीज की ओर भागना पड़ता है। निफ्ट जैसे संस्थान शहर में ओपन होने चाहिए।
दिशा गुप्ता
मैं रियल स्टेट जुड़ा हूं। कंपनीज द्वारा बनाए जा रही टाउनशिप आम आदमी की पहुंच से बाहर है। एक मापदंड के तहत रेट का निर्धारण होना चाहिए, जिससे आम लोगों को भी फायदा मिले।
रंजीत परिहार
शहर में वीआईपी के आते ही ट्रैफिक व्यवस्थाएं चरमरा जाती हैं। क्योंकि पूरा अमला उनकी आवभगत में लग जाता है। इस प्रथा को समाप्त किया जाना चाहिए।
विशाल गुप्ता
शहर में रेस ट्रेक बनाया जाना चाहिए। इससे एक्टिविटी बढ़ेंगी और लोगों को इस एक्टिविटी के लिए मेट्रो सिटीज की ओर मूव नहीं करना पड़ेगा।
शिवप्रताप सिंह