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ग्वालियर

तानसेन समारोह में प्रस्तुति देने रियाज शुरू, गुरु-शिष्य साथ संभालेंगे मंच

हर सभा की शुरुआत स्थानीय संगीत महाविद्यालय की प्रस्तुति से, इस बार ‘गमक’ भी

ग्वालियरNov 22, 2021 / 11:43 pm

Mahesh Gupta

तानसेन समारोह में प्रस्तुति देने रियाज शुरू, गुरु-शिष्य साथ संभालेंगे मंच

तानसेन समारोह में प्रस्तुति देने रियाज शुरू, गुरु-शिष्य साथ संभालेंगे मंच

ग्वालियर.

अखिल भारतीय तानसेन समारोह की शुरुआत 26 दिसंबर से होने जा रही है। पांच दिन के इस भव्य आयोजन में 8 प्रस्तुतियां होंगी। साथ ही 25 दिसंबर को गमक भी होगा। समारोह में सभा की शुरुआत स्थानीय संगीत महाविद्यालयों के गुरु और शिष्य की प्रस्तुति से होगी। इसकी तैयारी संगीत संस्थानों में शुरू हो गई है। सभी अपनी प्रतिभा निखार रहे हैं। गुरु अपने शिष्यों को संगीत की बारीकियों से परिचित करा रहे हैं। हर प्रस्तुति में नए और पुराने शिष्यों को मौका दिया गया है। उल्लेखनीय है कि इस बार गमक होगा, जो पिछले साल नहीं हुआ था।
समय में होगा परिवर्तन, राग के अनुसार हो रही तैयारी
हर साल संगीत समारोह में स्थानीय महाविद्यालयों को मौका मिलता है। इस बार उनकी प्रस्तुति के समय में परिवर्तन किया गया है। जिन महाविद्यालयों ने पिछले साल सुबह प्रस्तुति दी थी, उन्हें अब शाम का समय दिया जाएगा और जिन्होंने शाम को दी थी, उन्हें सुबह प्रस्तुति का मौका मिलेगा। कलाकार उसी के अनुरूप अपने राग पर तैयारी कर रहे हैं।
तीन स्थानीय कलाकार समारोह में देंगे प्रस्तुति
ग्वालियर से तीन कलाकार तानसेन समारोह में प्रस्तुति देंगे। इसके आवेदन कलाकारों को बुधवार से तानसेन कलावीथिका में जमा करना होगा। तीन कलाकारों में से दो कलाकार बेहट के लिए और एक कलाकार मुख्य आयोजन में प्रस्तुति देगा। चयन समिति की बैठक में इनका चयन किया जाएगा।
राज्य रूपंकर कला पुरस्कार प्रदर्शनी के लिए 15 जनवरी तक कलाकृतियां आमंत्रित
उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी की ओर से मप्र राज्य रूपंकर कला पुरस्कार प्रदर्शनी-2022 का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के कलाकारों के नाम से स्थापित रूपंकर एवं ललित कलाओं के दस पुरस्कारों के लिए अकादमी ने 15 फरवरी तक कलाकृतियां आमंत्रित की हैं। प्रत्येक पुरस्कार की राशि 51 हजार रुपए रखी गई है। प्रदर्शनी में दो कलाकृतियां मान्य की जाएंगी। इसमें 25 से 55 वर्ष तक की आयु के कलाकार भाग ले सकेंगे। कलाकारों को कलाकृतियों के साथ प्रदर्शनी में प्रवेश शुल्क के रूप में दो सौ रुपये नगद जमा करना होंगे। कलाकारों की मौलिक कलाकृतियां दिसंबर 2020 के बाद सृजित ही मान्य की जाएंगी। कला प्रदर्शनी की विवरणिका ललित कला महाविद्यालय ग्वालियर, जबलपुर, धार, खण्डवा, इंदौर तथा अकादमी कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है।

इन्हें मिलेगा मौका
राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ध्रुपद केन्द्र, माधव संगीत महाविद्यालय, भारतीय संगीत महाविद्यालय, शंकर गांधर्व महाविद्यालय, शारदा नाद महाविद्यालय, तानसेन संगीत कलाकेन्द्र, तानसेन संगीत महाविद्यालय।

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