सूत्रों का कहना है कि संघ ने अपनी बैठक में एयर स्ट्राइक की कार्रवाई पर सरकार के साथ का रुख किया है। बैठक में साफ किया गया है कि आतंक के खिलाफ सरकार ने जो रुख अख्तियार किया है, वह सही है। आतंकियों के खिलाफ किसी भी तरह की कोई दया भावना नहीं होगी। सीधी कार्रवाई का संघ हमेशा समर्थन करेगा।
संघ के सह सरकार्यवाह डाॅ मनमोहन वैद्य ने चर्चा के दौरान बताया कि इस वर्ष उत्तरप्रदेश सरकार और विभिन्न पीठों के सहयोग से प्रयागराज कुंभ में(वैचारिक कुंभ के माध्यम से) कई नए प्रयोग किए गए, जो काफी सफल रहे। इनमें युवा कुंभ, मातृशक्ति कुंभ, समरसता कुंभ, पर्यावरण कुंभ एवं सर्वसमावेशी कुंभ वैचारिक आदान-प्रदान की दृष्टि से बहुत प्रभावी साबित हुए हैं। इस वर्ष सक्षम प्रकल्प के माध्यम से शारीरिक, मानसिक रूप से अक्षम लोगों के लिए विभिन्न आयोजन किए गए। जिनमें नेत्र कुंभ के दौरान 800 से ज्यादा विशेषज्ञों ने 2 लाख लोगों का परीक्षण कर रिकार्ड बनाया। साथ ही एक लाख लोगों को चश्मे उपलब्ध कराए गए।
डाॅ वैद्य ने बताया कि कार्य में गुणवत्ता एवं कार्य विस्तार की दृष्टि से संघ के छह सह सरकार्यवाह 43 प्रांतों में जिलास्तर पर 12 हजार बैठकें ले चुके हैं। सन् 1990 के बाद समाज के बीच पहुंच बढ़ाने के लिए सेवा संकल्प और कार्य पर केंद्रित कार्यपद्वति के माध्यम से 300 विकसित गांवों को प्रभात गांव की श्रेणी में कार्य चल रहा है। वहीं 1 हजार गांव ऐसे हैं जहां कार्य प्रारंभ हो चुका है।
संघ की कार्ययोजना में भारतीय नस्ल की गांवों के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौ-उत्पादों के प्रचार-प्रसार पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही लोग अपने परिवार के बीच क्वालिटी टाइम बिताएं, इसके लिए कुटुम्ब प्रबोधन के जरिए काम चल रहा है।
एक नई गतिविधि को अपने कार्ययोजना में शामिल करते हुए इस वर्ष संघ द्वारा पर्यावरण संरक्षण और जल प्रबंधन करते हुए प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के लिए समाज को जागरूक और जिम्मेदार बनाने का काम किया जा रहा है।
-संघ शाखाओं में बाल एवं महाविद्यालयीन स्वयंसेवकों की भागीदारी 62 प्रतिशत।
-हर साल 14 से 40 साल तक के 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षण।
-सालभर में 20 से 35 साल के एक लाख से अधिक युवा संघ से जुडे़।
-देशभर में खंड स्तर पर 63,367 शाखाओं के माध्यम से 88 प्रतिशत तहसीलों तक पहुंच।
-54,472 मंडलों तक संघ कार्य का विस्तार।
-संघ की दैनिक शाखाओं की संख्या 59,266 पर पहुंच चुकी हैं।