बुधवार को आरटीई के छात्र स्कूल पहुंचे तो क्लास में छात्रों से फिर फीस जमा करने का दबाव बनाते हुए प्रवेश फॉर्म दिया गया। साथ ही छात्रों से कहा कि यदि फीस जमा नहीं होगी तो स्कूल से निकाल दिया जाएगा।
निजी स्कूलों पर शिक्षा विभाग की पकड़ खत्म हो चुकी है। स्कूल संचालक विभाग के अफसरों की कमजोरी को भांप चुके हैं। यही कारण है कि अब तक जितनी भी शिकायतें आई हैं उनमें शिक्षा विभाग कमजोर ही नजर आता रहा है। छात्र–छात्राओं ने बुधवार को घर पहुंचकर क्लास रूम में शिक्षक व अन्य स्टाफ द्वारा किए जाने वाले व्यवहार को बताया। स्कूल प्रबंधन द्वारा बार–बार फीस के लिए दबाव बनाए जाने के कारण अभिभावकों को छात्रों की पढ़ाई की चिंता सताने लगी है। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन से लड़ाई–झगड़ा करके बच्चों को पढ़ाना सरल नहीं है।
आज बीआरसीसी करेंगे जांच: मंगलवार को कलेक्टर जनसुनवाई में आने वाली शिकायत पर शिक्षा विभाग की ओर से दूसरे दिन भी जांच दल नहीं भेजा गया। मामला डीपीसी ओझा को सौंपा गया। उन्होंने मामला बातचीत से हल होने की बात कही। इस मामले में बीआरसीसी संजय गुप्ता व अन्य दल के सदस्य जांच के लिए स्कूल जाएंगे।
जनसुनवाई में की थी शिकायत: मेरी बेटी नवयुग हायर सेकंडरी स्कूल में पढ़ती है। मंगलवार को स्कूल संचालक द्वारा फीस मांगने की शिकायत जनसुनवाई में की थी। जहां भरोसा दिलाया गया था कि अब स्कूल प्रबंधन फीस नहीं मांगेगा। बुधवार को प्रवेश फॉर्म देते हुए फीस जमा करने की बात कही गई। – दीपा जाटव, छात्रा की मां
बच्चों को फॉर्म दिए: बच्चों को स्कूल की ओर से फॉर्म दिए गए हैं, इन्हें जमा करते समय पता चलेगा कि स्कूल प्रबंधन फीस जमा करने के लिए दबाव बनाता है कि नहीं। – बलवीरङ्क्षसह, अभिभावक