इसके बाद ट्रेन गेट नंबर 412 के बीच में किलोमीटर 1212 का खंभा नंबर 41 से 39 के बीच में खड़ी हो गई। ट्रेन के अचानक रुकने की जानकारी मिलते ही सिथौली और संदलपुर के स्टेशन मास्टरों के होश उड़ गए। ट्रेन क्यों रोकी गई इसके बारे में किसी के पास कोई जवाब नहीं था। ट्रेन यहां 3 से 4 मिनट तक खड़ी रही।
हो सकता था हादसा
पीडब्ल्यूआई की लापरवाही के चलते अचानक ब्रेक लगाने से ट्रेन पलटने या पटरी से उतरने जैसी बड़ी घटना भी हो सकती थी। जिसमें जनहानि भी हो सकती थी। स्टेशन मास्टर ने सूचना दी थी गेटमैन को
ग्वालियर स्टेशन से ट्रेन निकलने के बाद ट्रेन सिथौली से संदलपुर के बीच जाने लगी तो सिथौली स्टेशन मास्टर ने गेटमैन को सूचना दी। स्टेशन मास्टर की सूचना के बाद ही गेटमैन ने ट्रेन को निकलने के लिए सिग्नल को हरा कर दिया लेकिन अचानक पीडब्लूआई की सूचना पर गेटमैन ने सिगनल को लाल कर दिया।
पीडब्ल्यूआई की लापरवाही के चलते अचानक ब्रेक लगाने से ट्रेन पलटने या पटरी से उतरने जैसी बड़ी घटना भी हो सकती थी। जिसमें जनहानि भी हो सकती थी। स्टेशन मास्टर ने सूचना दी थी गेटमैन को
ग्वालियर स्टेशन से ट्रेन निकलने के बाद ट्रेन सिथौली से संदलपुर के बीच जाने लगी तो सिथौली स्टेशन मास्टर ने गेटमैन को सूचना दी। स्टेशन मास्टर की सूचना के बाद ही गेटमैन ने ट्रेन को निकलने के लिए सिग्नल को हरा कर दिया लेकिन अचानक पीडब्लूआई की सूचना पर गेटमैन ने सिगनल को लाल कर दिया।
“सिथौली संदलपुर के बीच में इस तरह की घटना हुई है तो यह बड़ी लापरवाही है। इस मामले की जांच कराई जाएगी।”
मनोज कुमार सिंह,पीआरओ झांसी मंडल
मनोज कुमार सिंह,पीआरओ झांसी मंडल