MP की इस जेल के अंदर ऐसे पहुंचता था नशे का सामान, तरीका ऐसा कि सुनने वाले सन्न रह जाएंगे
सिविल लाइन थाना टीआई अजय चानना ने बताया कि वारदात आगरा-मुंबई हाईवे पर सिकरौदा नहर के पास शुक्रवार रात करीब 10 बजे हुई। चंबल की अवैध रेत से भरे ट्रैक्टर ने सतेन्द्र मावई निवासी गणेशपुरा की कार को टक्कर मार दी। दुर्घटना की सूचना पर एएसआई रामवीर सिंह दो आरक्षकों को लेकर मौके पर पहुंचे। वहां रेत माफिया के हथियारबंद गुर्गों ने वाहनों की आवाजाही रोक रखी थी।
चोरी करने के लिए चोरों का ये नया स्टाइल न सुना होगा न देखा होगा, जिसने सुना वो रंग रह गया
एएसआई मौके पर जाने लगे तो उन्हें भी रोका और मारपीट शुरू कर दी। गुर्गों ने एएसआई को तमाचे मारे और बंदूक की बट से पीटा। आखिरकार एएसआई को वहां से भागना पड़ा। बाद में जब वे बल के साथ लौटे तो गुर्गों ने बंदूकों और कट्टों से फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। करीब १५ मिनट चली फायरिंग से हाईवे पर दहशत का माहौल रहा। इस बीच गुर्गे खेतों के रास्ते ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर भाग गए। एएसआई को छाती और पैर में चोटें आई हैं।
पांच साल पहले गई थी आईपीएस की जान
मार्च २०१२ में बानमोर के एसडीओपी आईपीएस नरेन्द्र कुमार की पत्थर से भरी टै्रक्टर-ट्रॉली से कुचल कर मौत हो गई थी। पूरे देश में इस पर हंगामे के बावजूद माफिया पर नकेल नहीं डाली जा सकी।
डंपर से कुचलकर मारा था सिपाही
नूराबाद थाना क्षेत्र में धनेला रोड पर 5 अप्रैल 2015 को रेत से लदे डंपर को पकडऩे का प्रयास कर रहे आरक्षक धर्मेन्द्र चौहान को कुचलकर मार दिया गया था। इस पर बवाल होने के बाद कुछ दिनों तक रेत का अवैध परिवहन बंद रहा, लेकिन फिर डंपर, ट्रक व टै्रक्टर-ट्रॉलियों से रेत का अवैध कारोबार शुरू हो गया।
“मामला गंभीर है। एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसलिए रेत के अवैध कारोबारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जाएगी।”
आदित्यप्रताप सिंह, एसपी मुरैना