एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में उपज रहे आक्रोश और सरकार के मंत्री रुस्तम सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा सहित अन्य नेताओं को काले झंडे दिखाए गए हैं। इसके बाद केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के बंगले के बाहर धरना प्रदर्शन और प्रदेश की मंत्री मायासिंह को काले झंडे दिखाए जाने का प्रयास किया गया। इसके बाद अब प्रदेश सरकार के मंत्री अपनी विधानसभा में जाने से हिचक रहे हैं। मंत्रियों के इस तरह गायब होने से लोगों में और क्षोभ बढ़ रहा है, सवर्ण-ओबीसी वर्ग के युवाओं का कहना है कि जो मंत्री-विधायक हमारी बात को सरकार तक नहीं पहुंचा सकते हैं, उनको कुर्सी पर रहने का अधिकार नहीं है।
आगामी दो महीने बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है लेकिन जिस तरह से काले झंडों के भय से प्रदेश के मंत्री-विधायक गायब हो रहे है उसका बड़ा असर विधानसभा चुनाव पर देखने को मिल सकता है। सूत्रों से पता चला है कि ग्वालियर चंबल संभाग की कई सीटों पर भाजपा की हार के संकेत भी दिख रहे हैं। आपको बता दे कि ग्वालियर चंबल संभाग में विधानसभा की 34 सीटें है। जिसमें अधिकतर सीटों पर भाजपा का कब्जा है। ऐसे में यहां पर भाजपा के लिए एसी एसटी एक्ट का विरोध प्रदर्शन किसी बड़ी मुश्किल से कम नहीं है।
सब भोपाल में
मंगलवार को सवर्ण-ओबीसी वर्ग के लोगों ने मंत्री और विधायकों के बारे में जानकारी ली थी। इस दौरान पता चला कि सभी भोपाल में हैं। जबकि सूत्रों का कहना है कि ग्वालियर ग्रामीण विधायक भारत सिंह अपने घर पर थे, लेकिन वे बाहर नहीं निकले। जबकि मायासिंह की लोकेशन भोपाल बताई गई।
प्रदेश प्रभारी आएंगे!
भाजपा के संभागीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रदेश के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे बुधवार को सुबह शताब्दी एक्सप्रेस से ग्वालियर आ सकते हैं। जबकि प्रदेश महामंत्री संगठन सुहास भगत भी अल सुबह भोपाल से ग्वालियर आ सकते हैं। पार्टी ने विरोध प्रदर्शन की संभावना के कारण जानकारी नहीं दी है।