उच्च न्यायालय द्वारा बच्चों की सुरक्षा को लेकर दिए गए आदेशों का पालन नहीं होने पर एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया ने यह अवमानना याचिका प्रस्तुत की है। जिसमें कहा गया है कि सन् 2012 में उच्च न्यायालय द्वारा परिवहन विभाग, पुलिस व मध्यप्रदेश शासन को बच्चों की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध के निर्देश दिए गए थे।न्यायालय के आदेश पर विभाग ने अपना जवाब प्रस्तुत करते हुए कहा है कि विद्यार्थियों के सुरक्षित परिवहन के लिए शैक्षणिक वाहनों के नियंत्रण एवं विनियमन योजना 2018 तैयार कर परिवहन विभाग के प्रमुख के समक्ष प्रस्तुत की गई है।
जिसमें जिसमें स्कूल संचालक, परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, अभिभावकों की भी ड्यूटी तय की गई हैं। इसे विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा जिससे कि इस पर कानून बनाया जा सके। इसे प्रारूप पर निर्णय नहीं होने पर विभाग ने न्यायालय के निर्देश के बाद फिर से याद दिलाते हुए विभाग को भेजा है। वहीं 24 जून 19 को विभाग ने सभी स्कूल बस आपरेटरों, स्कूल प्रबंधन, अभिभावक तथा पुलिस व परिवहन विभाग को बच्चों की सुरक्षा के संबंध में दिशा निर्देश दिए हैं।
200 से 400 रुपए तक बढ़ाया किराया
परिवहन विभाग की कार्रवाई के चलते बच्चों को स्कूल ले जाने वाले वाहन चालकों ने वाहन का किराया 200 रुपए से लेकर 300 रुपए तक बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि ऑटो में स्कूल तक ले जाने वाले ऑटो को 5 बच्चों को ले जाने की इजाजत है, लेकिन वाहन चालक 10-15 बच्चों तक का परिवहन कर रहे थे। लेकिन सख्ती के बाद ऑटो चालक निर्धारित बच्चे तो ले जाने को तैयार हैं, लेकिन किराया 200 रुपए से लेकर 400 रुपए तक बढ़ा दिया गया है। जिसके चलते बच्चें के परिजन पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है।