निगम का दल दो बार बदनापुरा का निरीक्षण कर चुका है, लेकिन यहां की स्थिति ऐसी नहीं है कि सीवर लाइन डाली जा सके। दरअसल सीवर लाइन ऊंचाई से नीचे की ओर डाली जाती है, जिससे पूरा पानी बिना किसी रुकावट के निकल जाए, लेकिन यहां घर ढलान पर बने हैं, ऐसे में सभी घरों को जोडकऱ सीवर के पानी को बाहर नहीं निकाला जा सकता है।
सीवर लाइन के अलावा दूसरी तकनीक पर विचार चल रहा है, जिसके जरिए यहां की समस्या हल की जाए। इसके लिए निगम अधिकारी विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं, जिससे 200 घरों के सीवर को ट्रीट किया जा सके। इसके लिए निगम अधिकारी बड़े सेप्टिक टैंक बनाने पर विचार कर रहे हैं।
सीवर लाइन के लिए फिजिविलिटी नहीं मिल रही है। इसे लेकर अब दूसरी तकनीक तलाश रहे हैं, जिससे यहां की समस्या का निदान किया जा सके।
अनमोल कोचर, कार्यपालन यंत्री, सीवर