वैसे तो शहर में आइस्क्रीम की खपत साल भर होती है लेकिन फरवरी माह से इसका सीजन प्रारंभ हो जाता है। एक प्रमुख आइस्क्रीम कंपनी के सीएंडएफ और डिस्ट्रीब्यूटर संदीप जैन ने बताया कि गर्मी के दिनों में शहर में एक माह में दो करोड़ रुपए की आइस्क्रीम बिक जाती है। पिछले साल की तरह इस बार का सीजन भी ऐसे ही जा रहा है। इस साल फरवरी और मार्च में थोड़ी-बहुत बिक्री हुई थी।
कोल्ड ड्रिंक और जूस को पसंद करने वालों की भी कमी नहीं है, पर कोरोना काल में इनकी बिक्री भी बंद है। हर साल कोल्ड ड्रिंक की एक करोड़ से अधिक की बिक्री हो जाती थी, वहीं पैक्ड जूस सहित फलों के जूस, शेक का भी 80 लाख से अधिक का कारोबार होता था। एक प्रमुख कोल्ड ड्रिंक कंपनी से जुड़े रवि जैन ने बताया कि अभी तो बिक्री पर बड़ा असर है, लेकिन यदि आगे बाजार खुलता है तो उससे कुछ उम्मीद है।
कोरोना संक्रमण काल के चलते फिलहाल ठंडे के बाजार में उठाव की उम्मीद दिखाई नहीं देती है। इन दिनों चिकित्सक भी वायरस के प्रभाव से बचने के लिए ठंडा खाने से मना कर रहे हैं और इसका असर सीधे तौर पर ठंडे के कारोबार पर भी पड़ेगा।
आइस्क्रीम, कोल्ड ड्रिंक, पैक्ड जूस आदि ठंडी चीजों की गर्मी के सीजन में जमकर बिक्री होती थी। पिछले साल और इस साल दुकान बंद रहने के कारण कुछ भी नहीं बिक पाया है। सभी चीजों का स्टॉक भी किया था लेकिन कोरोना ने फिर से काम बिगाड़ दिया।
– मनोज अग्रवाल, संचालक, जनरल स्टोर