परिवहन विभाग द्वारा वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट भी जरूरत होती है। इसके बिना परिवहन विभाग द्वारा फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाता है। लेकिन प्रदूषण जांच केन्द्र द्वारा चोरी छिपे इन वाहनों को भी बिना जांच पड़ताल के ही पीयूसी सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है।
रिपोर्टर: भईया पीयूसी बनवाना है।
पीयूसी संचालक: कौन सी गाड़ी है।
रिपोर्टर: कार है, कितने पैसे लगेंगे।
पीयीूसी संचालक: २०० रुपए लगेंगे, ६ महीने के लिए वैद्य रहेगा। गाड़ी कहां है।
रिपोर्टर: गाड़ी तो बाहर है।
पीयूसी संचालक: नहीं तो कैसे बनेगा।
रिपोर्टर: गाड़ी की फोटो मंगवा देता हूं।
पीयूसी संचालक: नहीं फोटो से काम नहीं चलेगा, वीडियो से गाड़ी दिखवा दो बना देंगे।
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थाने में तो नहीं है गाड़ी
रिपोर्टर: भईया पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाना है
पीयूसी संचालक: बन जाएगा, गाड़ी कहां हैं।
रिपोर्टर: गाड़ी तो बाहर है।
पीयूसी संचालक: गाड़ी के बिना कैसे बनेगा। गाड़ी तो देखना पडेगी।
रिपोर्टर: गाड़ी को फोटो मंगवा देता हूं।
पीयूसी संचालक: नहीं, ऐसे काम नहीं चलेगा। गाड़ी थाने में तो नहीं है।
रिपोर्टर: नहीं।
पीयूसी संचालक: एक काम करो वीडियो से गाड़ी दिखवा दो तो बना देंगे।
एआरटीओ रिंकू शर्मा से सीधी बात
सवाल: पीयूसी सर्टिफिकेट बिना जांच के जारी किया जा सकता है
जवाब: नहीं, वाहन के जांच के बाद ही जारी किया जाता है।
सवाल: परिवहन विभाग के सामने संचालित केन्द्र तो वीडियो कॉलिंग पर सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं
जवाब: अगर ऐसा कर रहे हैं तो गलत है। इस मामले में जांच करेंगे और गड़बड़ी मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।