विश्वविद्यालय इलाके में 4 फरवरी को कक्षा 9 की छात्रा को उसके पड़ोसी हिम्मत ने दो मंजिला मकान से नीचे धकेल दिया था। करीब 10 दिन लड़की जिदंगी और मौत से जूझती रही थी। हालत सुधरने पर उसने विश्वविद्यालय थाने आकर घटना बताई थी, तब पुलिस ने एफआइआर दर्ज की थी। मामला पुलिस अफसरों की जानकारी में आया तो पता चला कि उसे छेडख़ानी का विरोध करने पर आरोपी ने जान से मारने की नीयत से धकेला था। इलाज के लिए लड़की भर्ती हुई तो पुलिस को तत्काल जानकारी अस्पताल से मुहैया कराई गई। उसके बावजूद आरोपी पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। उसे क्यों नहीं पकड़ा गया। अधिकारियों ने पूछताछ की तो इसमें एएसआइ शारदा प्रसाद की लापरवाही मानी गई। इसे एसपी सांघी ने गंभीर माना और एएसआइ को निलंबित किया।
लडकी को फेंका, परिवार को धमकाया
पीडि़ता के साथ वारदात 4 फरवरी के शाम को हुई थी। पीडि़ता के साथ वारदात करने वाला भिंड का रहने वाला है। यहां पढ़ाई करने के लिए रिश्तेदार के घर रहता था। पीडि़ता के परिजन ने बताया था कि घटना के वक्त लड़की घर आ रही थी तब हिम्मत ने उसे रास्ते में रोक लिया, उसके साथ छेडख़ानी की। उससे बचने के लिए लड़की ने विरोध किया मदद के लिए शोर मचाया तो छोटू ने बौखला कर उसे नीचे धकेल दिया था। इसमें वह गंभीर जख्मी हुई थी। 10 दिन तक अस्पताल में रही थी। पीडि़ता पुलिस से शिकायत नहीं करें उसे धकेलने के बाद हिम्मत और उसके परिजन ने धमकाने की कोशिश की थी।