दो साल के लिए दी गई स्कूल्स को मेंटरशिप सीबीएसई ने मेंटर उसी स्कूल को बनाया है, जिसका प्रतिवर्ष रिजल्ट अच्छा रहता है। जिनका इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा है और जो काफी पुराने हैं। सीबीएसई द्वारा यह मेंटरशिप दो साल के लिए दी गई है। दो साल बाद टीम की सहमति से ही दोबारा उसे मेंटरशिप मिल सकेगी।
सीबीएसई ने इन्हें बनाया मेंटर एक्सपर्ट के अनुसार सरस्वती शिशु मंदिर, एसकेवी, ग्वालियर ग्लोरी, सिंधिया स्कूल फोर्ट, लिटिल एंजिल्स हाईस्कूल आदि को शामिल किया गया है। सीबीएसई करेगा मॉनीटरिंग इस प्रोग्राम की मॉनीटरिंग सीबीएसई करेगा। मेंटर स्कूल्स ने कितनी एक्टिविटी कराई और अन्य स्कूल्स ने क्या एक्टिविटी कीं। इसका ब्योरा ऑनलाइन स्कूल्स को भेजना होगा। इसके साथ ही स्कूल अपने न्यू आइडियाज भी भेजेगा।
स्टूडेंट्स करेंगे व्यूज एक्सचेंज सर्कुलर के अनुसार स्कूल्स को हर माह प्रोग्राम कराने होंगे, जिसमें अपने स्टूडेंट्स के साथ ही इस प्रोग्राम से जुड़े अदर स्कूल के स्टूडेंट्स को शामिल करना होगा। इसमें टीचिंग लर्निंग एक्टिविटी, टीचिंग स्ट्रेटजी, इनोवेटिव आइडियाज पर प्रोग्राम, सोशल एक्टिविटी, सेमिनार आदि होंगे। इसके साथ ही स्टूडेंट्स और फैकल्टी अपने व्यूज एक्सचेंज करेंगे।
स्टूडेंट्स में डवलप होगा कॉन्फीडेंस सीबीएसई की ओर से जारी सर्कुलर में हब ऑफ लर्निंग प्रोग्राम को शामिल किया गया है, जिसकी शुरुआत स्कूल्स में इसी सेशन से हो चुकी है। इसके माध्यम से स्टूडेंट्स को दूसरे स्कूल जाने का मौका मिलेगा। यकीनन इससे वे क्रिएटिव होंगे और उनमें कॉन्फीडेंस भी डवलप होगा।
ब्रह्मजीत सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष, सहोदय