ग्वालियर

AGRICULTURE UNIVERSITY: प्रताडऩा के चलते खुद को आग लगाने वाले केस में आया नया मोड़, पीडि़त के भाई ने की ये बड़ी डिमांड

AGRICULTURE UNIVERSITY: प्रताडऩा के चलते खुद को आग लगाने वाले केस में आया नया मोड़, पीडि़त के भाई ने की ये बड़ी डिमांड

ग्वालियरJun 09, 2018 / 02:38 pm

Gaurav Sen

AGRICULTURE UNIVERSITY: प्रताडऩा के चलते खुद को आग लगाने वाले केस में आया नया मोड़, पीडि़त के भाई ने की ये बड़ी डिमांड

ग्वालियर। प्रताडऩा से परेशान होकर खुद को आग लागाने वाने कृषि विश्वविद्यालय के कर्मचारी की मौत के बाद शुक्रवार को ग्वालियर थाने में घंटों हंगामा हुआ। कांग्रेसी मृतक के परिजन को 10 लाख आर्थिक सहायता दिलाने प्रशासन व पुलिस अधिकारियोंं से बहस कर रहे थे तभी मृतक के भाई ने उनकी बात काटते हुए कहा, मुझे सिर्फ उन ४ लोगों पर एफआइआर चाहिए, जिनकी वजह से भाई ने आत्महत्या की। ४ घंटे के हंगामे के बाद पत्नी को पति की जगह नौकरी व ५ लाख रुपए पर सहमति बनी। मौत दिल्ली में होने के कारण वहीं मर्ग कायम हुआ है, इसलिए वहां से डायरी मंगाई गई है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।


चंदन नगर निवासी अरुण सिंह परिहार (२६) पुत्र कैलाश नारायण राजामाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विवि में ६ साल से अधिष्ठाता कृषि संकाय कार्यालय में पदस्थ थे। बुधवार-गुरुवार की रात १ बजे पेट्रोल डाल आग लगा ली थी। दिल्ली में गुरुवार शाम उसने दम तोड़ दिया। मौत के बाद शुक्रवार सुबह १० बजे कांग्रेस नेता प्रद्युम्न सिंह तोमर, वीरेन्द्र तोमर, मितेन्द्र, रश्मी पवार सहित कृषि विवि के कुछ कर्मचारियों ने ग्वालियर थाने को घेर लिया और हंगामा करने लगे। सीएसपी शैलेन्द्र सिंह जादौन, एसडीएम दीप शिखा भगत भी थाने आ गए। मांगों को लेकर कई घंटे उनमें बहस होती रही, लेकिन बात नहीं बनी। बाद में एडीएम शिवराज वर्मा भी आ गए, दोपहर करीब २ बजे कुछ मांगें मान ली गईं।

 

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सुसाइड नोट में लिखे नाम
सुसाइड नोट में अरुण ने कृषि विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉ. मृदुला विलोरे, तकनीकी अधिकारी दिनेश पालीवाल, निदेशक प्रक्षेत्र डॉ. जेपी दीक्षित और तकनीकी अधिकारी निदेशक प्रक्षेत्र आरजे तिवारी पर प्रताडऩा का आरोप लगाया है। अरुण ने लिखा, २ अप्रैल २०१८ को उसे निदेशक प्रक्षेत्र के यहां भेज दिया, लेकिन डॉ. मृदुला ने निकाल दिया। फिर निदेशक प्रक्षेत्र के यहां भेज दिया, वहां सिर्फ १५ दिन की सैलरी की धमकी दी। इस संबध में डॉ मुदृला विलोरे और जेपी दीक्षित फोन लगाया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हुआ।

 

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कर्मचारी बोले- हम सभी परेशान

थाने पर मृतक के साथी कर्मचारी भी मौजूद थे। कर्मचारी कमल किशोर, सोनू पाल, रामवीर, चन्द्रप्रकाश सहित अन्य कर्मचारियों ने बताया कि हम लोगों से ३० दिन का काम लिया जाता है और १५ दिन का वेतन देते हैं। अधिकारी हम लोगों को प्रताडि़त करते हैं।

 

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पुलिस के घेरे में रहा कृषि विवि, अस्थायी कर्मचारी नहीं जा सके अंदर
अरुण परिहार की मौत होने की सूचना के बाद राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय शुक्रवार सुबह से पुलिस घेर में रहा। अस्थायी कर्मचारियों, छात्रों तथा अन्य लोगों को विवि में अंदर नहीं जाने दिया, केवल स्थायी अधिकारी- कर्मचारी ही अंदर प्रवेश कर सके। इससे अस्थाई कर्मचारी नारेबाजी करने लगे।
AGRICULTURE UNIVERSITY
कामकाज रहा प्रभावित
कुलपति, कुलसचिव के साथ अन्य अधिकारी मामले को निपटाने में लगे रहे। अस्थाई कर्मचारियों के काम न करने से विभागों के ताले नहीं खुले।


पत्नी को नौकरी
अरुण की पत्नी रीना को कुलपति के आदेश पर संविदा पर रखने के आदेश दिए हैं। ५ लाख की सहायता भी दी है।
डीएल कोरी, कुलसचिव कृषि विवि

मुझे तो न्याय चाहिए
भाई ने कहा था अधिकारी प्रताडि़त करते हैं। उन्हीं की वजह से उनकी जान गई है, मुझे उन चारों पर एफआरआर चाहिए ताकि मुझे न्याय मिल सके।
रवि परिहार, मृतक का भाई

जांच के बाद कार्रवाई
कर्मचारी की मौत के बाद दिल्ली में मर्ग कायम हुआ है। वहां से डायरी आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
शैलेन्द्र सिंह जादौन, सीएसपी

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