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ग्वालियर

गर्मी की दस्तक के साथ ही जलसंकट गहराया

श्योपुर. अभी गर्मी ने सही ढंग से तेवर दिखाने शुरू भी नहीं किए हैं इससे पहले ही जिले में भू जल स्तर में गिरावट होने लगी है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट भी गहराने लगा है। स्थिति यह है कि जिले में 736 हैंडपंप बंद हो गए हैं, जिनमें से 76 फीसदी तो केवल भूजल गिरने से बंद हैं। वहीं जिले में 14 नलजल योजनाएं बंद हो चुकी हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन और पीएचई विभाग ठोस कदम नहीं उठा सका है।

ग्वालियरFeb 23, 2021 / 11:42 pm

Vikash Tripathi

गर्मी की दस्तक के साथ ही जलसंकट गहराया

गर्मी की दस्तक के साथ ही जलसंकट गहराया

ासन और पीएचई विभाग ठोस कदम नहीं उठा सका है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले की 225 ग्राम पंचायतों में 6 हजार 350 सरकारी हैंडपंप हैं, जिनमें से 5 हजार 614 ही वर्तमान में चालू स्थिति में हैं। जबकि 736 हैंडपंप बंद पड़े हैं। जिसमें से 561 तो ऐसे हैं जो भू-जलस्तर में गिरावट से बंद हो गए हैं। जबकि 152 हैंडपंप संधारण कार्य नहीं होने के कारण बंद हैं। वहीं 23 हैंडपंप सामान्य खराबी से बंद बताए गए हैं। आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ेगी और ऐसे में समय रहते इन हैंडपंपों में पाइप नहीं बढ़ाए गए या सिंगल फेस की मोटर नहीं डाली गई तो गांवों में पेयजल को हालात भयावह नजर आएंगे।
14 गांवों में नलों में नहीं आ रहा पानी
गांवों में बड़ी संख्या में हैंडपंप बंद होने के साथ ही कई गांवों में नलजल योजनाएं भी बंद हो गई हैं। पीएचई विभाग के मुताबिक ही 14 गांवों में नलजल येाजनाएं बंद पड़ी है। जिले में 209 पेयजल योजनाएं(नलजल, स्थलजल, मुख्यमंत्री पेयजल योजना आदि) संचालित हैं, जिनमें से 195 चालू है, जबकि 14 बंद हैं। इन बंद में भी 8 तो स्रोत सूखने से बंद हैं, जबकि 4 मोटर पंप खराब होने से और 2 पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से बंद होना बताया गया है।
कराहल और विजयपुर क्षेत्र में हालात खराब
जिले में पेयजल संकट विजयपुर और कराहल क्षेत्र में ज्यादा गहरा रहा है। कराहल विकासखंड में सबसे ज्यादा 364 हैंडपंप खराब हैं, जबकि विजयपुर विकासखंड में 256 और श्योपुर विकासखंड में 116 हैंडपंप खराब पड़े हैं। वहीं विजयपुर में 8 और कराहल में 6 नलजल योजनाएं बंद हैं।
गत वर्ष बारिश कम हुई है, लिहाजा भू-जलस्तर गिर रहा है। लेकिन हम नियमित रूप से हैंडपंपों और नलजल योजनाओं का संधारण कर रहे हैं। साथ ही हमने 300 सिंगल फेस मोटर की डिमांड भी भेजी हुई, जिन्हें आवश्यकता वाले गांवों में लगाया जाएगा।
संतोष श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री, पीएचई श्योपुर
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